योगमाया
यादवों (अहीरों) की कुलदेवी
(विंध्यवासिनी मंदिर से अनुप्रेषित)
योगमाया को विंध्यवासिनी, महामाया और एकानंशा के नाम से भी जाना जाता है, यह एक हिंदू देवी हैं। वैष्णव परंपरा में, उन्हें नारायणी की संज्ञा दी गई है, और वह विष्णु की माया की शक्तियों के अवतार के रूप में कार्य करती हैं। भागवत पुराण में देवी को देवी दुर्गा का परोपकारी पहलू माना गया है। शाक्त उन्हें आदि शक्ति का रूप मानते हैं। हिंदू साहित्य में उनका जन्म यादव परिवार में नंद और माता यशोदा की बेटी के रूप में हुआ है।
योगमाया | |
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शक्ति, दीर्घायु, संतान, व्याधिनाश, ऐश्वर्य और आनंद की देवी | |
माता विंध्यवासिनी देवी | |
अन्य नाम | महामाया, दुर्गा, नारायणी, भद्रकाली, अंबिका, एकनामशा, शारदा, व्याधिनाशिनी, उग्रा, सौम्या, अपराजिता, आद्या, योगमाया, गोपकन्या, कृष्णा नुजा, कृष्णरक्षिका, यादवी |
संबंध | देवी, दुर्गा, महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली, आदि पराशक्ति |
निवासस्थान | विंध्याचल, मणिद्वीप एवं विष्णु नेत्र |
मंत्र | ॐ श्री विन्ध्येश्वर्ये नमो नमः |
अस्त्र | त्रिशूल, खड्ग, कृपाण, तलवार, चक्र, शंख, धनुष बाण, कमण्डलू, गदा, वरद मुद्रा |
प्रतीक | श्री चिह्न एवं शक्ति बीसा यंत्र |
दिवस | ज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी, मंगलवार, शुक्रवार एवं सोमवार |
माता-पिता | नंद बाबा (पिता) यशोदा (माता) |
सवारी | शेर |