भाषाविज्ञान में विभक्ति व्याकरण के नियमों पर आधारित शब्दों के रूप परिवर्तन को दर्शाती है। विभक्ति का शाब्दिक अर्थ है - ' विभक्त होने की क्रिया या भाव' या 'विभाग' या 'बाँट'।

हिंदी व्याकरण में शब्द (संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण) के आगे लगा हुआ वह प्रत्यय या चिह्न विभक्ति कहलाता है जिससे पता लगता है कि उस शब्द का क्रियापद से क्या संबंध है। 'विभिक्त' नाम या संज्ञा शब्दों को पद (वाक्य प्रयोगार्थ) बनाते हैं और कारक परिणति के द्वारा क्रिया के साथ संबंध सूचित करते हैं।

हिंदी संपादित करें

आजकल की प्रचलित हिन्दी की खड़ी बोली में विभक्तियों के प्रकार संस्कृत की तुलना में बहुत कम और सरल है। अधिकतर विभक्तियां हमें सर्वनामों में दिखती है। निम्न्कथिक टेबल को देखें:

हिंदी में विभक्तियों के प्रकार
सर्वनाम संज्ञा
कारक प्रथम पुरुष मध्यम पुरुष उत्तम पुरुष भालू घोड़ा चिड़िया
- मै, हम तू, तुम, आप वे, उस, उन भालू, भालू घोड़ा, घोड़े चिड़िया, चिड़ियाएँ
कर्ता मैंने, हमने तूने, तुमने, आप ने उसने, उन्होंने भालू ने,भालुओं ने घोड़े ने, घोड़ों ने चिड़िया ने, चिड़ियाओं ने
कर्म मुझे, हमें तुझे, तुम्हें, आपको उसे, उनको भालू को, भालुओं को घोड़े को, घोड़ों को चिड़िया को, चिड़ियाओं को
करण मुझसे, हम से

मेरे द्वारा, हमारे द्वारा

तुझसे, तुम से, आप से

तेरे द्वारा, हमारे द्वारा

उससे, उनसे

उसके द्वारा, उनके द्वारा

भालू से, भालुओं से

भालू के द्वारा, भालुओं के द्वारा

घोड़े से, घोड़ों से

घोड़े के द्वारा, घोड़ों के द्वारा

चिड़िया से, चिड़ियाओंसे

चिड़िया के द्वारा, चिड़ियाओं के द्वारा

सम्प्रदान मुझे, हमें

मेरे लिए, हमारे लिए

तुझे, तुम्हें, आपको

तेरे लिए, तुम्हारे लिए, आपके लिए

उसे, उनको

उसके लिए, उनके लिए

भालू को, भालुओं को

भालू के लिए, भालुओं के लिए

घोड़े को, घोड़ों को

घोड़े के लिए, घोड़ों के लिए

चिड़िया को, चिड़ियाओं को

चिड़िया के लिए, चिड़ियाओं के लिए

अपादान मुझसे, हम से तुझसे, तुम से, आप से उससे, उनसे भालू से, भालुओं से घोड़े से, घोड़ों से चिड़िया से, चिड़ियाओं से
सम्बन्ध मेरा, हमारा

मेरी, हमारी मेरे, हमारे

तेरा, तुम्हारा, आप का

तेरी, तुम्हारी, आप की तेरे, तुम्हारे, आप के

उसका, उनका

उसकी, उनकी उसके, उनके

भालू का, भालुओं का

भालू की, भालुओं की भालू के, भालुओं के

घोड़े का, घोड़ों का

घोड़े की, घोड़ों की घोड़े के, घोड़ों के

चिड़िया का, चिड़ियाओं का

चिड़िया की, चिड़ियाओं की चिड़िया के, चिड़ियाओं के

अधिकरण मुझ में, हम में

मुझ पर, हम पर

तुझ में, तुम में, आप में

तुझ पर, तुम पर, आप पर

उस में, उन में

उस पर, उन पर

भालू में, भालुओं में

भालू पर, भालुओं पर

घोड़े में, घोड़ों में

घोड़े पर, घोड़ों पर

चिड़िया में, चिड़ियाओं में

चिड़िया पर, चिड़ियाओं पर

संज्ञा में कुछ 'आ' अक्षर से अंत होने वाले शब्द जैसे घोड़ा, गधा, आदि में एकवचन में भी विभक्ति देखने को मिलती है। आधुनिक हिंदी में अंग्रेजी से आये हुए शब्द, जैसे सोफा, या फिर नाम जैसे जोशुआ, में विभक्ति का प्रयोग कम होता जा रहा है।

संस्कृत संपादित करें

संस्कृत के नियमानुसार प्रथमा, द्वितीया, तृतीया आदि विभक्तियाँ हैं जिनमें एकवचन, द्विवचन, बहुवचन—तीन वचन होते है। पाणिनीय व्याकरण में इन्हें 'सुप' आदि २७ विभक्ति के रूप में गिनाया गया है। संस्कृत व्याकरण में जिसे 'विभक्ति' कहते है, वह वास्तव में शब्द का रूपांतरित अंग होता है। जैसे,—रामेण, रामाय इत्यादि।

नीचे दिया गया श्लोक रामरक्षास्त्रोत्र में आया है और इसे विभक्ति समझाने के लिये उपयोग किया जाता है। इसमें 'राम' शब्द के आठ रूप आये हैं जो क्रमशः आठों विभक्तियों के एकवचन के रूप हैं।

रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे।
रामेण अभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः।
रामान्नास्ति (रामात् नास्ति) परायणं परतरं रामस्य दासोऽस्म्यहम्।
रामे चित्तलयः सदा भवतु मे भो राम! मामुद्धर।।
रामरक्षास्त्रोत्र की विभक्तियाँ
अंश विभक्ति शब्द रूप कारक हिंदी कारक अनुवाद हिंदी अनुवाद एवं टिपण्णी
रामो राजमणिः प्रथमा रामो (रामः) करता राम (ने) राम जो राजाओं में मणि है

यहाँ पर 'रामः' की संधि हो गयी है, 'राजमणिः' के 'र' अक्षर के पूर्व का विसर्ग 'ओ' बन जाता है

सदा विजयते रामं रमेशं भजे। द्वितीया रामं कर्म राम को राम जो सदा विजयी है, मै उन राम रमेश को पूजता हूँ

रमेश का अर्थ है रमा (माँ सीता) के ईश 'रमेशं' में भी कर्म कारक का प्रयोग हुआ है

रामेण अभिहता निशाचरचमू तृतीया रामेण करण राम से, राम के द्वारा राम, जिन के द्वारा निशाचरों की सेना मारी जाती है
रामाय तस्मै नमः। चतुर्थी रामाय सम्प्रदान राम को, राम के लिए मै उन राम के लिए नमन करता हूँ।
रामान्नास्ति परायणं परतरं पंचमी रामात् अपादान राम से राम से बढ़कर कोई सहारा नहीं है

रामान्नास्ति = रामात्+न+अस्ति मूल रूप 'रामात्' है, 'नास्ति' से संधि हो कर शब्द 'रामान्नास्ति' बन जाता है

रामस्य दासोऽस्म्यहम्। षष्ठी रामस्य सम्बन्ध राम का मै राम का दस हूँ।
रामे चित्तलयः सदा भवतु मे सप्तमी रामे अधिकरण राम पर मेरा चिंतन सदैव राम पर केंद्रित रहे।
भो राम! मामुद्धर।। अष्टमी भो राम! संबोधन हे राम! हे राम! मेरा उद्धार करों!

अंग्रेज़ी संपादित करें

आधुनिक प्रचलित अंग्रेजी में कारक की विभक्तियाँ अधिकतर भाषाओँ की तुलना में भी बहुत कम और सरल है।

संज्ञा संपादित करें

अंग्रेजी में अनेक शब्दों के एकवचन और बहुवचन रूप विशिष्ट होते है। शब्दों को अंत में -s प्रत्यय जोड़ कर उन को बहुवचन में परिवर्तित किया जा सकता है।

सम्बन्ध कारक के लिए -'s प्रत्यय जोड़ा जाता है

उदाहरण के लिए निम्न टेबल देखें -

girl

लड़की

man

आदमी

Singular

एकवचन

Plural

बहुवचन

Singular

एकवचन

Plural

बहुवचन

Plain

साधारण

girl girls man men
Possessive

सम्बन्ध

girl's girls' man's men's

सर्वनाम संपादित करें

अंग्रेजी में सर्वनाम संज्ञा की तुलना में अधिक जटिल होते हैं। उदाहरण के लिए, प्रथम पुरुष (मै, हम):

कारक Singular

एकवचन

Plural

बहुवचन

Subjective

कर्ता

I we
Objective

कर्म

me us
Dependent possessive

आश्रित सम्बन्ध

my our
Independent possessive

आनाश्रित सम्बन्ध

mine ours

अंग्रेज़ी व्याकरण में संज्ञाएं करता कारक और कर्म कारक के बीच अंतर नहीं करती हैं, परन्तु कुछ सर्वनाम ऐसा करते हैं, अर्थात् - उनकी विभक्ति किसी क्रिया या पूर्वसर्ग (preposition), या कारक से संबंध को प्रतिबिंबित करने के लिए होती हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

संदर्भ संपादित करें