आँखें (2002 फ़िल्म)

2002 की विपुल अमृतलाल शाह की फ़िल्म

आँखें 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्देशित है। इसमें अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल, सुष्मिता सेन, परेश रावल और आदित्य पंचोली ने अभिनय किया है।[1]

आँखें

आँखें का पोस्टर
निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह
लेखक आतिश कपाड़िया
विपुल अमृतलाल शाह
कहानी शोभना देसाई
निर्माता गौरंग दोशी
अभिनेता अमिताभ बच्चन,
अक्षय कुमार,
सुष्मिता सेन,
अर्जुन रामपाल,
परेश रावल,
आदित्य पंचोली
संगीतकार जतिन-ललित
आदेश श्रीवास्तव
प्रदर्शन तिथियाँ
5 अप्रैल, 2002
देश भारत
भाषा हिन्दी

इस फ़िल्म में विजय सिंह राजपूत (अमिताभ) की कहानी बतलाई जाती है जो कि मेहनती लेकिन मनमौजी आदमी है। उसने अपना सारा जीवन एक बैंक के लिए काम करते हुए बिताया है। जब उसे गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया जाता है, तो वह तीन अंधे लोगों (अक्षय, अर्जुन और परेश) द्वारा बैंक को लूट कर बदला लेता है।

संक्षेप संपादित करें

जुनूनी लेकिन मनमौजी बैंक मैनेजर विजय सिंह राजपूत (अमिताभ बच्चन) पैसे हड़पने की कोशिश कर रहे क्लर्क को बुरी तरह पीट देता है। इसके कारण उसे अपनी नौकरी खोनी पड़ती है। अपनी नौकरी खोने से क्रोधित होकर, वह डकैती का इरादा करके बैंक से बदला लेने की साजिश रचता है। वह तीन अंधे लोगों को काम पर रखता है। उनमें शामिल हैं, विश्वास (अक्षय कुमार), इलियास (परेश रावल) और अर्जुन (अर्जुन रामपाल)। तीनों को असंभव सी प्रतीत होने वाली डकैती के लिए प्रशिक्षित करने के लिए वह नेहा (सुष्मिता सेन) की मदद लेता है जो नेत्रहीनों के स्कूल में एक शिक्षिका है। वह अंधे लोगों को इसलिये चुनता है क्योंकि चोरों के रूप में उन पर कभी संदेह नहीं किया जाएगा।

बैंक डकैती सफल रहती है और तीनों ने गहनों को अपने कब्जे में ले लिया होता है। हालाँकि, बैंक लूटने की प्रक्रिया में, इलियास का चेहरा पास के एक नागरिक ने देख लिया था। वह उसकी फुटेज उजागर कर देता है और उसके चेहरे के साथ शहर भर में पोस्टर लगाए जाते हैं। इस बीच, विजय उत्सुकता से विश्वास और अर्जुन से गहनों और उनके स्थान के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश करता है। अंततः, यह पता चलता है कि इलियास ही सामान के बारे में पूरी जानकारी रखता है। इस बीच, विजय और नेहा के बीच तनाव बढ़ जाता है। वहीँ अर्जुन नेहा से अपने प्यार का इज़हार करता है। वह यह भी खुलासा करता है कि वह केवल अपने छोटे भाई राहुल की भलाई के लिए इस सब में शामिल है। उसका विजय अपहरण कर रखा है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

क्र॰शीर्षकगीतकारसंगीतकारगायकअवधि
1."शीर्षक गीत – आँखें"आतिश कपाड़िया,
प्रसून जोशी
आदेश श्रीवास्तवअमिताभ बच्चन, सोनू निगम, रेमो फर्नांडिस6:40
2."गुस्ताखियाँ"प्रसून जोशीआदेश श्रीवास्तवआदेश श्रीवास्तव, वसुंधरा दास6:00
3."कुछ कस्मे"प्रवीण भारद्वाजजतिन-ललितसोनू निगम, अलका यागनिक4:32
4."थीम म्युज़िक"N/Aजतिन-ललितरेमो फर्नांडिस2:21
5."फटेला जेब"नितिन रायकवारआदेश श्रीवास्तवआदेश श्रीवास्तव, अरुण बख़्शी, नितिन रायकवार4:17
6."छलका छलका"प्रवीण भारद्वाजजतिन-ललितअलका यागनिक, जावेद4:20
7."नज़रों से तेरी"प्रवीण भारद्वाजजतिन-ललितउदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति4:41
8."ऑल द बेस्ट"प्रवीण भारद्वाजजतिन-ललितरेमो फर्नांडिस3:01

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

श्रेणी नामांकित व्यक्ति नतीजा
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार अमिताभ बच्चन नामित
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार परेश रावल

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "58 साल के अंदर, 1 ही नाम से 3 बार बनीं 3 फिल्में, हर बार हुई मेकर्स पर झमाझम नोटों की बारिश". News18 हिंदी. 29 अगस्त 2023. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2024.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें