चलते चलते (1976 फ़िल्म)

1976 की हिन्दी फ़िल्म

चलते चलते 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसको सुंदर दार ने निर्देशित किया और मुख्य कलाकार विशाल आनन्द और सिमी गरेवाल हैं। फिल्म बप्पी लाहिड़ी द्वारा प्रदान किये गए संगीत के लिये याद की जाती है।[1]

चलते चलते

चलते चलते का पोस्टर
निर्देशक सुंदर दार
लेखक सुंदर दार
कहानी अनमोल पुरोहित
निर्माता विशाल आनन्द
अभिनेता विशाल आनन्द,
सिमी गरेवाल
संगीतकार बप्पी लाहिड़ी
प्रदर्शन तिथि
1976
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

गीता और एक जवान आदमी प्यार में हैं और शादी करना चाहते हैं। दुर्भाग्य से युवा आदमी मर जाता है। इस चौंकाने वाली खबर सुन गीता अपनी इंद्रियों को खो देती है और एक मानसिक अस्पताल में उसे भर्ती किया जाता है। सालों बाद, गीता ठीक हो गई और उसे छुट्टी दी गई। उसे यह पता लगा कि जिस आदमी को उसने सोचा था कि मर गया, वह अभी भी जीवित है। वह खुद को रवि कहता है और आशा नाम की एक सुंदर युवा महिला से प्यार करता है। इसको झेलने में असमर्थ, गीता ने रवि को अपना खुद का बनाने का फैसला किया। जब वह विफल हो जाती है, तो उसे मानसिक अस्पताल में फिर से रखा जाता है। रवि अकेले आशा को छोड़कर विदेश यात्रा करने का फैसला करता है। तब गीता बच निकलती है, घर में प्रवेश करती है और आशा को दूर करने की कोशिश करती है। जिसे वह मानती है कि उसका प्रेमी उसके कारण खो गया। गीता आशा को मारने की कोशिश करती है लेकिन आखिरकार छत से गिरकर मारी जाती है। रवि आशा को सांत्वना देता है और फिल्म समाप्त हो जाती है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत अमित खन्ना द्वारा लिखित; सारा संगीत बप्पी लाहिड़ी द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."चलते चलते"किशोर कुमार5:11
2."दूर दूर तुम रहे"लता मंगेशकर5:23
3."जाने कहाँ है"बप्पी लाहिड़ी, सुलक्षणा पंडित6:37
4."सपनों का राजा"शैलेंद्र सिंह, सुलक्षणा पंडित5:56
5."प्यार में कभी-कभी"शैलेंद्र सिंह, सुलक्षणा पंडित5:19
6."चलते चलते" (II)किशोर कुमार2:23
7."चलते चलते" (वाद्य संगीत) 2:51

सन्दर्भ संपादित करें

  1. राज, पंकज (2006). धुनों की यात्रा: हिन्दी फिल्मों के संगीतकार (1931-2005). नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन. पृ॰ 726. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788126711697. अभिगमन तिथि 13 अगस्त 2018.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें