मणीन्द्र अग्रवाल (जन्म: २० मई १९६६, इलाहाबाद) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के संगणक विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी विभाग में प्रोफेसर है। संगणक विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सन् २०१३ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री प्रदान किया।[1]

मणीन्द्र अग्रवाल

मणीन्द्र अग्रवाल
जन्म २० मई १९६६
इलाहाबाद, भारत
आवास कानपुर
राष्ट्रीयता भारतीय
क्षेत्र संगणक विज्ञान
संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
शिक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
डॉक्टरी शिष्य नितिन सक्सेना
नीरज कयाल
प्रसिद्धि ऐकेएस पराएमीलिटी टेस्ट
उल्लेखनीय सम्मान शांति स्वरूप भटनागर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार (२००३)
गोडेल पुरस्कार (२००६)
पद्म श्री (२०१३)

प्रारंभिक जीवन संपादित करें

अग्रवाल ने आईआईटी कानपुर से बी.टेक. एवं पीएचडी की उपाधियाँ प्राप्त की।


जीवन-वृत्ति संपादित करें

उन्होंने नीरज कयाल एवं नितिन सक्सेना के साथ मिलकर ऐकेएस पराएमीलिटी टेस्ट का आविष्कार किया, जिसके लिए उन्हें उनके सहकर्ताओं के साथ संयुक्त रूप से वर्ष २००६ का प्रतिष्ठित गोडेल पुरस्कार मिला।[2]

वर्ष २००८ में गणित के क्षेत्र में उनके असीम योगदान के लिए अग्रवाल का चयन प्रथम इन्फोसिस गणित पुरस्कार हेतु किया गया।[उद्धरण चाहिए]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "राजेश खन्ना व जसपाल भट्टी को मरणोपरांत पद्मभूषण". दैनिक जागरण. नई दिल्ली. २६ जनवरी २०१३. अभिगमन तिथि २८ जनवरी २०१३.
  2. मणीन्द्र अग्रवाल. "प्रकाशन". मूल से 17 नवंबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ नवम्बर २०१०.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें