रंगनाथ के सदस्य योगदान

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4 अगस्त 2022

3 अगस्त 2022

  • 08:4208:42, 3 अगस्त 2022 अन्तर इतिहास −31 छो प्रेमचंदप्रेमचंद अपने नाम के आगे श्रीवास्तव नहीं लिखते थे। उनके पिता और दादा भी सरनेम के तौर पर राय लगाते थे। प्रेमचंद के बेटे और पोते भी सरनेम के तौर पर राय लगाते हैं। अतः प्रेमचन्द के मूल नाम धनपत राय के आगे श्रीवास्तव लगाना तथ्यात्मक रूप से गलत है। टैग: Reverted

29 जून 2022

24 जून 2022