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11 दिसम्बर 2019

  • 05:1605:16, 11 दिसम्बर 2019 अन्तर इतिहास +1,084 चाणक्यजबकि तथ्यों से उजागर होता है, कि धनानंद की प्रजा विरोधी नीतियों के ब्राह्मण चणक, जो कि विष्णुगुप्त (चाणक्य) के पिता थे, द्वारा विरोध करने पर उन्हें कारगर में बंदी बनाकर उनके, परिवार को देश निकला दे दिया गया था. तथापि राष्ट्र हित में चाणक्य ने धनानंद से सीमान्त देशों के लिए सैनिक सहायता के लिए विनती की, जिससे बाहरी आततायी भारतीय जन का अशुभ न कर सकें. परन्तु मद में अंधे धनानंद ने उनका अपमान कर उन्हें राज महल से निकाल दिया टैग: यथादृश्य संपादिका

18 जून 2019

13 दिसम्बर 2017