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13 मई 2020

  • 02:1002:10, 13 मई 2020 अन्तर इतिहास +2,230 मजदूर🌷 मजदूर 🌷 मजदूर जियैं मजबूर बने सुख साधन शून्य बने तरसैं। बहु ग्रीषम भीषम ताप भरे करि कोप सदा उनका झरसैं।। उनके श्रमधार अपार में न्हाइके साधनवान सुखी दरसैं। धनवान चलैं जब मोटर पै धन हीनन पै गरदा बरसैं।। गहे बेट फावड़े का खाली पेट खेत में है चिलकती धूप में पसीने को बहा रहा। कवि 'दीप' दूसरों की क्षुधा को मिटाने हेतु अन्नदाता बन हीरे-मोती उपजा रहा। वाहन सरलता से दौड़ सकें इस हेतु गिट्टियां बिछाता कोलतार पिघला रहा। आवास विहीन स्वयं अन्यों के निवास हेतु... टैग: Emoji मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन