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29 मई 2022

  • 16:2816:28, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +2,497 जलप्रलयईरानी इतिहास में यमशिद का नाम विख्यात है। ईरानी लोग उसी नाम पर अपना नाम जमशेद रखते थे, तथा यमशिद की पूजा करते थे। प्रलय काल के बाद वाराह राज से वरुणदेव को जल से पृथ्वी को उभारने में बड़ी सहायता मिली थी। तभी से देवों को इस जाति से मैत्री सम्बन्ध हो गए थे। कोला वाराह वंशियों का राज्य योरोप के उतरी पश्चिमी प्रदेश नारवे द्वीप पर स्थित था। उस काल में उस अंचल को कोला पैनिन्सुला कहते थे। यहाँ के निवासी कोल कोल्ट कैल्ट कहाते थे। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 16:1116:11, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +3,557 जलप्रलयइसके बाद जब स्वयंभुव मनु के अंतिम प्रजापति दक्ष का अधिकार समाप्त हुआ। प्रलय के बाद दक्ष प्रजापति की पुत्री अदिति का पुत्र वरुण सुषा नगरी में आकर उन्होंने मिट्टी खुदवाकर साफ किये। सुषा नगरी पर जमा घूल मिट्टी हटाये तथा प्रलय के जलों को नहर खुदवा कर समुद्रों में बहा दिया तथा सुषा प्रदेश और मेसोपोटामिया में आदित्यों की नगरी बसाई। वरुण सूर्य के भाई थे। बाद में सूर्यकुल ने आर्य जाति का निर्माण किया और वरुण ने सुमेर जाति को जन्म दिया। यह सुमेर जाति सुमेर सम्यता की प्रस्तारक और ईरान की प्राचीन शासक ह... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 14:0914:09, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +2,420 जलप्रलयइसके बाद जब स्वयंभुव मनु के अंतिम प्रजापति दक्ष का अधिकार समाप्त हुआ। प्रलय के बाद दक्ष प्रजापति की पुत्री अदिति का पुत्र वरुण सुषा नगरी में आकर उन्होंने मिट्टी खुदवाकर साफ किया। सुषा नगरी पर जमा घूल मिट्टी हटाये तथा प्रलय के जलों को नहर खुदवा कर समुद्रों में बहा दिया तथा सुषा प्रदेश और मेसोपोटामिया में आदित्यों की नगरी बसाई। वरुण सूर्य के भाई थे। बाद में सूर्यकुल ने आर्य जाति का निर्माण किया और वरुण ने सुमेर जाति को जन्म दिया। यह सुमेर जाति सुमेर सम्यता की प्रस्तारक और ईरान की प्राचीन शासक ह... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 13:3413:34, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +1 जलप्रलयईसा मसीह से लगभग 3200 वर्ष पहले जगद्‌विख्यात प्रलय हुआ था, जिसका वर्णन संसार की सभी प्राचीन पुस्तकों में है। प्राचीन पर्शिया के इतिहास लेखक जैनेसिस ने भी इस जल प्रलय के बारें में लिखा है। यह प्रलय मेसोपोटामिया और पर्शिया के उतर पश्चिम प्रदेश में हुआ था। नक्शा में ध्यान से देखेंगे तो पता लगेगा कि पर्शिया का यह भाग दक्षिण में फारस की खाड़ी और उतर में काश्यप सागर ( कैस्पियन सी ) से घिरा हुआ है। पर्शिया के पश्चिमोतर कोण में आरमीनिया प्रदेश है, वहाँ के बर्फीले पर्वतो से फरात नदी निकल कर मेसोपोटामि... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 13:3213:32, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +2,840 जलप्रलयईसा मसीह से लगभग 3200 वर्ष पहले जगद्‌विख्यात प्रलय हुआ था, जिसका वर्णन संसार की सभी प्राचीन पुस्तकों में है। प्राचीन पर्शिया के इतिहास लेखक जैनेसिस ने भी इस जल प्रलय के बारें में लिखा है। यह प्रलय मेसोपोटामिया और पर्शिया के उतर पश्चिम प्रदेश में हुआ था। नक्शा में ध्यान से देखेंगे तो पता लगेगा कि पर्शिया का यह भाग दक्षिण में फारस की खाड़ी और उतर में काश्यप सागर ( कैस्पियन सी ) से घिरा हुआ है। पर्शिया के पश्चिमोतर कोण में आरमीनिया प्रदेश है, वहाँ के बर्फीले पर्वतो से फरात नदी निकल कर मेसोपोटामि... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 11:1811:18, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +1,365 ईरान→‎इतिहास: भारत के उत्तरापथ में आर्यावर्त था जिसमें दो राज्य थे सूर्य मंडल और चंद्र मंडल। ये दोनों आर्य राज्य समुह थे। सूर्य मंडल में मानव कुल और चंद्र मंडल में एल कुल का राज्य था। सूर्य कुल ने आर्य जाति का निर्माण किया उसी प्रकार वरुण ने सुमेर जाती को जन्म दिया। सुमेर जाती इराक के सबसे प्राचीन शासक थी। प्रोटोइलामाइट सभ्यता से ही सुमेरू सभ्यता का जन्म हुआ है। जल प्रलय के पहले चाक्षुष मनु के वंशज का यहां राज्य था। मनु पुत्र चक्रवर्ती महाराज अत्यराति जानन्तपति यहां के राजा थे। चाक्षुष मनु का व... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 07:5007:50, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास −3 सप्त पुरियांअयोध्या मथुरा माया काशी काञ्ची अवन्तिका । पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिका:॥ टैग: Reverted References removed मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 07:4707:47, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +223 सप्त पुरियांअयोध्या मथुरा माया काशी काञ्ची अवन्तिका । पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिका:॥ टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 05:5905:59, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +9,860 ईरान→‎इतिहास: चाक्षुष मनु के पांच पुत्र थे जिनका नाम अत्यराति जानन्तपति, अभिमन्यु, उर, पुर और तपोरत थे। चौथे पुत्र 'पुर' के राजधानी का नाम पुरसिया था। इन्हीं के नाम पर ईरान का प्राचीन नाम पर्शिया था। ईसा से लगभग चार हजार वर्ष पूर्व भारतवर्ष के मूल पुरुष स्वायंभुव मनु का जन्म हुआ था। इनके दोनों पुत्रों का नाम प्रियव्रत तथा उतानपाद थे। प्रियव्रत ने अपने दशों पुत्रों को पृथ्वी बांट दी। बड़े पुत्र अग्निन्घर् को उन्होंने जम्बूद्वीप(एशिया) दिया। इस उसने अपने नौ पुत्रों में बांट दिया। बड़े पुत्र नाभि... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन