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20 मई 2022

  • 06:2306:23, 20 मई 2022 अन्तर इतिहास +2,706 प्राजक्तापारम्परिक उपयोग: इसकी पत्तियों, छाल, फूलों और बीजों का औषधीय रूप से उपयोग किया जाता है। इसके फूलों की वाष्प वातावरण से बुरी गंध को बेअसर कर देती है, इसलिए इसे बगीचे में उगाते हैं। पौधे की पत्तियों को बुखार और गठिया में लाभदायक रूप से उपयोग किया जाता है। शहद के साथ पत्तियों का ताजा रस पुराने बुखार में दिया जाता है। हल्के आग के ऊपर तैयार पत्तियों के काढ़े का उपयोग कटिस्नायुशूल (सीयेटिका) में किया जाता है। इसकी पत्तियों का रस थोड़ी चीनी के साथ बच्चों को आंतों के कीड़े के इलाज के लिए दिया जाता है। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 05:5805:58, 20 मई 2022 अन्तर इतिहास +1,274 महुआमहुआ का पेड़ भारत में सभी जगहों पर पाया जाता है। यह एक विशाल पेड़ होता है। मार्च-अप्रैल के महीने में महुआ के पेड़ पर फूल आते हैं और मई-जून में इस पर फल आते हैं। महुआ के फल सुगंधित और खाने में स्वादिष्ट है। कई लोग महुआ के बीजों को सुखाकर उसका भोजन में उपयोग करते हैं। यह खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। महुआ में कई तरह के औषधीय गुण भी होते हैं। आयुर्वेदिक शास्त्रों में महुआ को कई रोगों के इलाज में उपयोगी बताया गया है। इसका वानस्पतिक नाम मधुका इंडिका है। टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 05:4605:46, 20 मई 2022 अन्तर इतिहास +1,323 तेन्दुसंग्रह की विधि तेंदूपत्ता बीड़ी के लिए आवरण के रूप में प्रयोग किया जाता है । गर्मियों के दौरान, मिट्टी से निकलने वाले चूसक द्वारा ताजी पत्तियों का उत्पादन किया जाता है। तेंदू के पेड़ के नीचे आग जलाकर भी इसे बढ़ाया जाता है। आदिवासियों द्वारा ताजी पत्तियों को हाथ से उठाया जाता है और 10 दिनों के लिए धूप में सुखाया जाता है। यह प्रथा भारत के महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश , ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में देखी जाती है । राज्य सरकार हर साल निविदा के माध्यम से तेंदूपत्ता के संग्रह और प्रसंस्करण के लिए लाइस... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 03:3203:32, 20 मई 2022 अन्तर इतिहास +3,327 सहजीवी संबंधसूक्ष्मजीव जीवाणुओं का एक झुंड वे जीव जिन्हें मनुष्य नंगी आंखों से नही देख सकता तथा जिन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र की आवश्यकता पड़ता है, उन्हें सूक्ष्मजीव (माइक्रोऑर्गैनिज्म) कहते हैं। सूक्ष्मजैविकी (microbiology) में सूक्ष्मजीवों का अध्ययन किया जाता है। सूक्ष्मजीवों का संसार अत्यन्त विविधता से बह्रा हुआ है। सूक्ष्मजीवों के अन्तर्गत सभी जीवाणु (बैक्टीरिया) और आर्किया तथा लगभग सभी प्रोटोजोआ के अलावा कुछ कवक (फंगी), शैवाल (एल्गी), और चक्रधर (रॉटिफर) आदि जीव आते हैं। बहुत से अन्य जीवों... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 03:3003:30, 20 मई 2022 अन्तर इतिहास +1,351 सहजीवी संबंध2 संबंधों: ट्रफल, सूक्ष्मजीव। ट्रफल श्याम पेरिगॉर्ड कंदकवक कंदकवक या ट्रफल (अंग्रेजी:truffle) किसी भूमिगत खुम्बी का फलन-पिंड है, जिसका बीजाणु प्रसार कवकाहारी जीवों द्वारा किया जाता है। लगभग सभी ट्रफल वाह्यमूलकवकीय होते हैं और इसलिए आम तौर पर पेड़ों निकट पाये जाते हैं। कंदकवक की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ कंदकवकों के फलन पिंड (ज्यादातर कंद वंशीय) को एक बेशकीमती भोजन माना जाता है: मध्य पूर्वी, फ्रांसीसी, स्पानी, उत्तरी इतालवी और यूनानी भोजन में खाद्य कंदकवकों को बेहतरीन भोजन के रूप म... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 03:2603:26, 20 मई 2022 अन्तर इतिहास +2,035 सहजीवी संबंधफसलों की पैदावार बढ़ाएगा माइकोराइजा: डॉ. शुक्ला 4 वर्ष पहले एजुकेशन रिपोर्टर | बिलासपुर माइकोराइजा कवक और पादप जड़ के मध्य एक सहजीवी संबंध होता है। लगभग 95 प्रतिशत पौधों की प्रजातियों में यह संबंध पाया जाता है। माइकोराइजा मृदा जैविकी और मृदा रसायन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। माइकोराइजा पौधों के लिए मृदा से विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व जैसे फास्फोरस, नाइट्रोजन और अन्य सूक्ष्म मात्रिक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं। अतः यह फसलोें के पैदावार को बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन