"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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|party = [[भारतीय रिपब्लिकन पार्टी]]
|organization = [[बहिष्कृत हितकारणी सभा]], [[समता सैनिक दल]], [[डिप्रेस क्लास एज्युकेशन सोसायटी]], [[पिपल्स एज्युकेशन सोसायटी]], [[स्वतंत्र लेबर पार्टी (भारत)|स्वतंत्र लेबर पार्टी]], [[अनुसूचित जाति फेडरेशन]], [[भारतीय बौद्ध महासभा]]
|spouse = {{marriage|रमाबाई|1906|show=[[रमाबाई आंबेडकर]] <small>(विवाह 1906)</small>}}
{{marriage|सविता आंबेडकर|April 15, 1948|show=[[डॉ. सविता आंबेडकर]] <small>(विवाह 1948)</small>}}
|nationality = भारतीय
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}}
 
'''डॉ॰ भीमराव रामजी अंबेडकर''' ( [[14 अप्रैल]], [[1891]] – [[6 दिसंबर]], [[1956]] ) एक विश्व स्तर के [[विधिकार|विधिवेत्ता]], अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाजशास्त्री, मानववंशशास्त्रीमानवविज्ञानी, संविधानशास्त्री, लेखक, दर्शनिकदार्शनिक, इतिहासकार, धर्मशास्त्री, वकिलवकील, शिक्षाविद्, प्राध्यापकप्रोफ़ेसर, पत्रकार, बोधिसत्व, संपादक, क्रांतिकारकक्रांतिकारी, समाज सुधारक, भाषापंडितभाषाविद्, जलतज्ञ, स्वतंत्रस्वतंत्रता सेनानी, एक दलित राजनीतिक नेता और एक [[बौद्ध धर्म]] पुनरुत्थानवादी होने के साथ साथ, [[भारतीय संविधान]] के मुख्य शिल्पकार भी थे। बाबासाहेबडॉ. भीमराव अंबेडकर के [[आधुनिक भारत]] के लिए योगदान किसी भी अन्य राजनेता से बडे है इसलिए उन्हें '''आधुनिक भारत का जनक''' भी कहां जाता है। डॉ. अंबेडकर बहुश्रुत प्रतिभावान थे, ज्ञानक्षेत्र के कुल '''64''' विषयों में मास्टर थे, [[केंब्रिज यूनिवर्सिटीविश्वविद्यालय]] इंग्लैंड, 2011 के संशोधन के अनुसार यह आकडे विश्व में सर्वाधिक है और इस विश्वविद्यालय ने उन्हें विश्व के इतिहास में पहला '''सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति''' होनेबताकर काउनका गौरवबड़ा प्राप्तगौरव हुआकिया है। वे '''बाबासाहेब''' के नाम से लोकप्रिय हैं। इनका जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था। एक अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें सारा जीवन नारकीय कष्टों में बिताना पड़ा। बाबासाहेब आंबेडकर ने अपना सारा जीवन [[हिंदू धर्म]] की [[हिन्दू वर्ण व्यवस्था|चतुवर्ण प्रणाली]] और भारतीय समाज में सर्वव्यापित जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया। हिंदू धर्म में मानव समाज को चार वर्णों में वर्गीकृत किया है। जो इस प्रकार है- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। बाबा साहब ने इस व्यवस्था को बदलने के लिए सारा जीवन संघर्ष किया। इस लिए उन्होंने बौद्ध धर्म को ग्रहण करके इसके समतावादी विचारों से समाज में समानता स्थापित कराई। उन्हें [[बौद्ध आंदोलन]] को प्रारंभ करने का श्रेय भी जाता है। बाबासाहेब अम्बेडकर को [[भारत रत्न]] से भी सम्मानित किया गया है, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
कई सामाजिक और वित्तीय बाधाएं पार कर, आंबेडकर उन कुछ पहले [[अछूत|अछूतों]] मे से एक बन गये जिन्होने भारत में कॉलेज की शिक्षा प्राप्त की। आंबेडकर ने कानून की उपाधि प्राप्त करने के साथ ही विधि, [[अर्थशास्त्र]] व [[राजनीति विज्ञान]] में अपने अध्ययन और अनुसंधान के कारण [[कोलंबिया विश्वविद्यालय]] और [[लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स]] से कई डॉक्टरेट डिग्रियां भी अर्जित कीं। आंबेडकर वापस अपने देश एक प्रसिद्ध विद्वान के रूप में लौट आए और इसके बाद कुछ साल तक उन्होंने वकालत का अभ्यास किया। इसके बाद उन्होंने कुछ पत्रिकाओं का प्रकाशन किया, जिनके द्वारा उन्होंने भारतीय अस्पृश्यों के राजनैतिक अधिकारों और सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की। डॉ॰ आंबेडकर को भारतीय बौद्ध भिक्षुओं ने [[बोधिसत्व]] की उपाधि प्रदान की है, हालांकि उन्होने खुद को कभी भी बोधिसत्व नहीं कहा।