"नवयान": अवतरणों में अंतर

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“मैं स्वीकार करता हूँ और बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करूंगा। मैं हीनयान और महायान, दो धार्मिक आदेशों की अलग अलग राय से मेरे लोगों को दूर रखूंगा। हमारा बौद्ध धर्म एक नया बौद्ध धर्म, नवयान है।”
 
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, शाम होटल, नागपुर में 13 अक्टूबर 1956 को प्रेस साक्षात्कार<ref>https://web.archive.org/web/20110208224554/http://www.navayan.com/navayan.php?about-navayan</ref>
 
== नव बौद्धों का विकास ==
दलितों को लगने लगा है कि हिंदू धर्म से बाहर निकलना उनके लिए बेहतर रास्ता हो सकता है क्योंकि बीते सालों में नवबौद्धों की हालत सुधरी है जबकि हिंदू दलितों की जिंदगी वोट बैंक के रूप संगठित होने के बावजूद ज्यादा नहीं बदली है. 125वी आंबेडकर जयंती पर रोहित वेमुला की मां और भाई ने भी [[बौद्ध धर्म]] स्वीकार किया है.
 
; नवबौद्धों की जीवन स्थिति
सन 2001 की जनगणना के मुताबिक देश में बौद्धों की जनसंख्या अस्सी लाख है जिनमें से अधिकांश नवबौद्ध यानि हिंदू दलितों से धर्म बदल कर बने हैं.
 
सबसे अधिक 59 लाख बौद्ध [[महाराष्ट्र]] में बने हैं। [[उत्तर प्रदेश]] में सिर्फ 3 लाख के आसपास नवबौद्ध हैं फिर भी कई इलाकों में उन्होंने हिंदू कर्मकांडों को छोड़ दिया है. पूरे देश में 1991 से 2001 के बीच बौद्धों की आबादी में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
 
नवबौद्धों में स्त्री-पुरूष अनुपात 953 प्रति हजार है जबकि हिंदू दलितों में 936 है. दूसरे अल्पसंख्कों मुसलमान, सिक्ख और जैनियों की तुलना में यह अनुपात काफी ज्यादा है. छह वर्ष तक के बच्चों में लड़कियों और लड़कों का लिंग अनुपात 942 है जबकि हिंदू दलितों में 935 जिसका मतलब है कन्या भ्रूण हत्या की स्थिति सुधरी है.
 
हिंदू से धर्म बदल बौद्ध हुए दलितों में शिक्षा दर 72.7 प्रतिशत है जबकि हिंदू दलितों में सिर्फ 55 प्रतिशत, महिलाओं की शिक्षा दर क्रमशः 62 और 55 प्रतिशत है. अध्ययन के मुताबिक नवबौद्धों में जागरूकता के कारण रोजगार का प्रतिशत भी बेहतर हुआ है और वे अपेक्षाकृत संपन्न हुए हैं.
 
==अनुयानी==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नवयान" से प्राप्त