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दलितों को लगने लगा है कि हिंदू धर्म से बाहर निकलना उनके लिए बेहतर रास्ता हो सकता है क्योंकि बीते सालों में नवबौद्धों की हालत सुधरी है जबकि हिंदू दलितों की जिंदगी वोट बैंक के रूप संगठित होने के बावजूद ज्यादा नहीं बदली है. 125वी आंबेडकर जयंती पर रोहित वेमुला की मां और भाई ने भी [[बौद्ध धर्म]] स्वीकार किया है.
 
;=== नवबौद्धों की जीवन स्थिति ===
सन 2001 की जनगणना के मुताबिक देश में बौद्धों की जनसंख्या अस्सी लाख है जिनमें से अधिकांश नवबौद्ध यानि हिंदू दलितों से धर्म बदल कर बने हैं.
 
सबसे अधिक 59 लाख बौद्ध [[महाराष्ट्र]] में बने हैं। [[उत्तर प्रदेश]] में सिर्फ 3 लाख के आसपास नवबौद्ध हैं फिर भी कई इलाकों में उन्होंने हिंदू कर्मकांडों को छोड़ दिया है. पूरे देश में 1991 से 2001 के बीच बौद्धों की आबादी में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
 
;1. लिंग अनुपात:
नवबौद्धों में स्त्री-पुरूष अनुपात 953 प्रति हजार है जबकि हिंदू दलितों में 936 है. दूसरे अल्पसंख्कों मुसलमान, सिक्ख और जैनियों की तुलना में यह अनुपात काफी ज्यादा है. छह वर्ष तक के बच्चों में लड़कियों और लड़कों का लिंग अनुपात 942 है जबकि हिंदू दलितों में 935 जिसका मतलब है कन्या भ्रूण हत्या की स्थिति सुधरी है.
हिन्दू दलितों के 936 की तुलना में बौद्धों के बीच महिला और पुरुष का लिंग अनुपात 953 प्रति हजार है। यह सिद्ध करता है कि बौद्ध परिवारों में महिलाओं की स्थिति में अब तक हिन्दू दलितों की तुलना में बेहतर है। यह काफी बौद्ध समाज में महिलाओं की उच्च स्थिति के अनुसार है। बौद्धों का यह अनुपात [[हिन्दु]]ओं (931), [[मुसलमान]]ों(936), [[सिख]] (893) और [[जैन]] (940) की तुलना में अधिक है।
 
;2. बच्चों का लिंग अनुपात (0-6 वर्ष):
हिंदू से धर्म बदल बौद्ध हुए दलितों में शिक्षा दर 72.7 प्रतिशत है जबकि हिंदू दलितों में सिर्फ 55 प्रतिशत, महिलाओं की शिक्षा दर क्रमशः 62 और 55 प्रतिशत है. अध्ययन के मुताबिक नवबौद्धों में जागरूकता के कारण रोजगार का प्रतिशत भी बेहतर हुआ है और वे अपेक्षाकृत संपन्न हुए हैं.
2001 की जनगणना के अनुसार बौद्धों के बीच लड़कियों और लड़कों का लिंग अनुपात 942 है, हिन्दू दलितों के 938 के मुकाबले के अनुसार यह अधिक हैं। यह लिंग अनुपात हिन्दुओं (925), सिख (786) की तुलना में बहुत अधिक है, और जैन (870)। यह हिंदू दलित परिवारों के साथ तुलना में है कि लड़कियों को बौद्धों के बीच बेहतर देखभाल और संरक्षण परिणाम हैं।
 
;3. साक्षरता दर:
बौद्ध अनुयायिओं की साक्षरता दर 72.7 प्रतिशत है जो हिन्दू दलितों (54.70 प्रतिशत) की तुलना में बहुत अधिक है। इस दर में भी हिंदुओं (65.1), मुसलमानों (59.1) और सिखों (69.4) की तुलना में काफी ज्यादा यह पता चलता है कि बौद्ध धर्म हिन्दू दलितों से भी अधिक साक्षर हैं।
 
;4. महिलाओं की साक्षरता :
बौद्ध महिलाओं की साक्षरता दर के रूप में हिंदू दलित महिलाओं के 41.9 प्रतिशत की तुलना में 61.7 प्रतिशत है। यह दर हिंदुओं (53.2) और मुसलमानों (50.1) की तुलना में भी अधिक है। यह बौद्ध समाज में महिलाओं की स्थिति के अनुसार है। इससे पता चलता है कि बौद्धों के बीच महिलाए हिंदू दलित महिलाओं की तुलना में अधिक शिक्षित हो रही है।
 
;5. काम भागीदारी दर:
बौद्धों के लिए यह दर 40.6 प्रतिशत सबसे अधिक है जो हिन्दू दलितों के लिए अधिक से अधिक 40.4 प्रतिशत है। यह दर हिंदुओं (40.4), मुसलमानों (31.3) ईसाई (39.3), सिख (31.7) की तुलना में भी अधिक है, और जैन (32.7) .यह साबित करता है कि बौद्ध धर्म हिन्दू दलितों से भी अधिक कार्यरत हैं।
 
==अनुयानी==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नवयान" से प्राप्त