"जेजाकभुक्ति के चन्देल": अवतरणों में अंतर

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== गोंड-भार उत्पत्ति का खंडन==
ब्रिटिश इंडोलॉजिस्ट वी.ए. स्मिथ ने सिद्धांत दिया कि चंदेलचन्देल या तो भर या गोंड मूल के थे,इस सिद्धांत का समर्थन सी वी वैद्य सहित कुछ विद्वानों ने नहीं किया था क्योंकि यह भार और गोंड मूल सिद्धांत दुर्गावती के गोंड राज्य के राजा से विवाह पर आधारित था।
दलपत शाह जो एक गोंड नहीं था बल्कि एक कच्छवाहा राजपूत था जिसे '''अकबरनामा''' के अनुसार राजा अमनदास गोंड ने गोद लिया था। {{sfn|Beveridge, H| 1907| The Akbarnama Of Abul Fazl Vol. 2}} कलचुरी राजपुत के पतन के बाद शेष कलचुरी साम्राज्य ने आदिवासियों को अपनाया जिसके कारण गोंडो की संख्या ज्यादा हुई और छेत्र गोंडवाना कहलाया और साम्राज्य गढ़ मंडला जिससे गोंड साम्राज्य की शुरुआत हुई जिसमें दलपत शाह एक कछवाहा राजपूत को एक गोंड राजा अमन दास या संग्राम शाह द्वारा अपनाया गया था। {{sfn|"Rani Durgavati: The symbol of syncretic culture between Rajputs and Tribals". Times of India Blog|16 August 2021| Retrieved 17 January 2022}}{{sfn|Beveridge, H|(1907)| The Akbarnama Of Abul Fazl Vol. 2}}