"भारत के विभिन्न नाम": अवतरणों में अंतर
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भारत को भारत नाम मिलने की सबसे लोकप्रिय और प्रचलित कहानी है भरत से जुड़ी। भरत, जो राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र थे। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
→भारतवर्ष: भारत नाम की एक प्रारंभिक वैदिक जनजाति थी जो ईसा पूर्व दूसरी सहस्राब्दी के उत्तरार्ध में अस्तित्व में थी। इस जनजाति का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। भारत का प्राचीन नाम भारत जनजाति के नाम पर "भारतवर्ष" या "भारत" या "भारत-भूमि" रखा गया था। भारत नाम सर्वप्रथम भारत जनजाति के नाम पर ही रखा गया था। |
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ऋग्वेद में एक और युद्ध का ज़िक्र है। माना जाता है कि यह युद्ध महाभारत से भी पहले हुआ। पहला लिखित विवरण किसी युद्ध का। इसमें एक तरफ थे तृत्सु जाति के लोग, जिनको भरत का संघ कहा जाता और दूसरी तरफ था 10 राज्यों का संघ। इस लड़ाई को दसराज या दाशराज्ञ भी कहते हैं। इसमें भरत के संघ की जीत हुई और पूरे भूभाग पर उनका राज स्थापित हो गया, जिससे नाम मिला भारत। बताया जाता है कि भरत संघ के लोग अग्नि की पूजा करने वाले थे।
भारत नाम की एक प्रारंभिक [[वैदिक सभ्यता|वैदिक]] जनजाति थी जो ईसा पूर्व दूसरी सहस्राब्दी के उत्तरार्ध में अस्तित्व में थी। इस जनजाति का उल्लेख [[ऋग्वेद]] में मिलता है। [[भारत]] का प्राचीन नाम भारत जनजाति के नाम पर "भारतवर्ष" या "भारत" या "भारत-भूमि" रखा गया था। भारत नाम सर्वप्रथम भारत जनजाति के नाम पर ही रखा गया था।
पुराणों के अनुसार [[नाभिराज]] के पुत्र, एवं [[जैन धर्म]] के प्रथम [[तीर्थंकर]] भगवान [[ऋषभदेव]] के पुत्र [[भरत चक्रवर्ती]] के नाम पर भी इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा ऐसी मान्यता है। हिन्दू ग्रन्थ, [[स्कन्द पुराण]] (अध्याय ३७) के अनुसार "ऋषभदेव [[नाभिराज]] के पुत्र थे, ऋषभ के पुत्र भरत थे, और इनके ही नाम पर इस देश का नाम "भारतवर्ष" पड़ा"।{{sfn|Sangave|२००१|p=२३}} इसी तरह की बात [[विष्णुपुराण]] (2,1,31), [[वायुपुराण]] (33,52), [[लिंगपुराण]] (1,47,23), [[ब्रह्माण्डपुराण]] (14,5,62), [[अग्निपुराण]] (107,11–12), और [[मार्कण्डेय पुराण]] (50,41), में भी आयी है।{{cn|date=दिसम्बर 2021}}
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