वर्तमान '''[[बिहार]]''' राज्य की राजधानी '''[[पटना]]''' को ३००० वर्ष से लेकर अबतक '''[[भारत]]''' का गौरवशाली शहर होने का दर्जा प्राप्त है। यह प्राचीन नगर पवित्र [[गंगा नदी|गंगानदी]] के किनारे [[सोन नदी|सोन]] और [[गण्डकी नदी|गंडक]] के संगम पर लंबी पट्टी के रूप में बसा हुआ है। इस शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। [[पटना]] का इतिहास [[पाटलिपुत्र|पाटलीपुत्र]] के नाम से छठी सदी ईसापूर्व में शुरू होता है। तीसरी सदी ईसापूर्व में पटना शक्तिशाली [[मगध महाजनपद|मगध]] राज्य की राजधानी बना। [[अजातशत्रु]], [[चन्द्रगुप्त मौर्य]], सम्राट [[अशोक]], [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य|चंद्रगुप्त द्वितीय]], [[समुद्रगुप्त]] यहाँ के महान शासक हुए। सम्राट अशोक के शासनकाल को भारत के इतिहास में अद्वितीय स्थान प्राप्त है। पटना एक ओर जहाँ शक्तिशाली राजवंशों के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर ज्ञान और अध्यात्म के कारण भी यह काफी लोकप्रिय रहा है। यह शहर कई प्रबुद्ध यात्रियों जैसे [[मेगास्थनिज]], [[फ़ाहियान|फाह्यान]], [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] के आगमन का भी साक्षी है। महानतम कूटनीतिज्ञ [[चाणक्य|कौटिल्यने]] [[अर्थशास्त्र|अर्थशास्त्र]] तथा [[विष्णु शर्मा|विष्णुशर्मा]] ने [[पञ्चतन्त्र|पंचतंत्र]] की यहीं पर रचना की थी। वाणिज्यिक रूप से भी यह मौर्य-गुप्तकाल, मुगलों तथा अंग्रेजों के समय बिहार का एक प्रमुख शहर रहा है। बंगाल विभाजन के बाद 1912 में पटना संयुक्त बिहार-उड़ीसा तथा आजादी मिलने के बाद बिहार राज्य की राजधानी बना। शहर का बसाव को ऐतिहासिक क्रम के अनुसार तीन खंडों में बाँटा जा सकता है- ''मध्य-पूर्व भाग में कुम्रहार के आसपास मौर्य-गुप्त सम्राटाँ का महल, पूर्वी भाग में [[पटना सिटी]] के आसपास शेरशाह तथा मुगलों के काल का नगरक्षेत्र तथा बाँकीपुर और उसके पश्चिम में ब्रतानी हुकूमत के दौरान बसायी गयी नई राजधानी |''<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/patna/patna-police-seized-sharab-cost-of-1-crore-sent-from-punjab-to-bihar-for-happy-new-year-2024-party-skt|title=पंजाब से पटना लायी गयी एक करोड़ की विदेशी शराब जब्त|work=प्रभात खबर|access-date=27 नवंबर 2023}}</ref>
पटना का भारतीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान है। [[महात्मा गाँधी सेतु|महात्मा गांधी सेतु]] पटना को उत्तर [[बिहार]] तथा [[नेपाल]] के अन्य पर्यटन स्थल को सड़क माध्यम से जोड़ता है। पटना से चूँकि [[वैशाली]], [[राजगीर]], [[नालन्दा महाविहार|नालंदा]], [[बोधगया]]<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/gaya/bodhgaya-mahotsav-2023-singer-kailash-kher-entertain-audience-program-inaugurated-by-tejashwi-yadav-mdn|title=बौद्ध महोत्सव 2023|work=प्रभात खबर|access-date=27 November 2023}}</ref>, [[पावापुरी]] और [[वाराणसी]] के लिए मार्ग जाता है, इसलिए यह शहर [[हिन्दू धर्म|हिंदू]], [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] और [[जैन धर्म|जैन]] धर्मावलंबियों के लिए '''<nowiki/>'पर्यटन ''गेटवे'<nowiki/>''''' ''के रूप में भी जाना जाता है। एकयुप्रेशर परिषद् प्रबुद्ध सोसाइटी नेचुआ जलालपुर गोपालगंज '''[[बिहार]]''' '''[[पटना]]''' में प्रति प्रबुद्ध सम्मेलन एवं सम्मान समारोह करता है! ईसाई धर्मावलंबियों के लिए भी पटना अतिमहत्वपूर्ण है। [[पटना सिटी]] में हरमंदिर, पादरी की हवेली, शेरशाह की मस्जिद, जलान म्यूजियम, अगमकुँआ, पटनदेवी; मध्यभाग में कुम्हरार परिसर, पत्थर की मस्जिद, गोलघर, पटना संग्रहालय तथा पश्चिमी भाग में जैविक उद्यान, सदाकत आश्रम आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।''<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/nitish-kumar-jdu-bhim-sansad-constitution-day-2023-bihar-news-huge-crowd-of-people-photos-sxz|title=बिहार: संविधान दिवस|work=प्रभात खबर|access-date=27 नवंबर 2023}}</ref>
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