छठ महापर्ब का बिशेषत्त
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बिहार में औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल [[देव, बिहार | देव]] में कार्तिक और चैती छठ व्रत के अवसर पर चार दिवसीय राजकीय छठ मेले <ref>{{Cite web |url=https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-dev-kartik-chhath-mela-got-the-status-of-state-fair-5729216-PHO.html |title=संग्रहीत प्रति |access-date=7 अप्रैल 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190407132947/https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-dev-kartik-chhath-mela-got-the-status-of-state-fair-5729216-PHO.html |archive-date=7 अप्रैल 2019 |url-status=live }}</ref>की रौनक देखते ही बनती है <ref>{{Cite web|url=https://www.prabhatkhabar.com/news/aurangabad/aurangabad-dev-kartik-chhath-fair-political-status/1074499.html|title=औरंगाबाद : देव कार्तिक छठ मेले को मिला राजकीय दर्जा|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190403203912/https://www.prabhatkhabar.com/news/aurangabad/aurangabad-dev-kartik-chhath-fair-political-status/1074499.html|archive-date=3 अप्रैल 2019|url-status=dead}}</ref>और पूरा मेला क्षेत्र छठी मईया के गीतों से गुंजायमान रहता है। मेला परिसर तथा मंदिर क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती की जाती है। इस अवसर पर त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर को अत्यंत आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। मेला क्षेत्र समेत पूरे [[देव, बिहार | देव]] में हर तरफ छठी मईया के गीत सुनाई पड़ती हैं। लोक मान्यता है कि [[देव, बिहार | देव]] में अत्यंत प्राचीन सूर्य मंदिर में भगवान भास्कर की पूजन-अर्चन करने और पौराणिक सूर्य कुंड में स्नान करने से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है। छठ के मौके पर भगवान भास्कर के साक्षात उपस्थिति की रोमांचक अनुभूति लोगों को होती है। <ref>{{Cite web|url=https://www.nayaindia.com/hindu-news/bihar-aurangabad-dev-chhath-mela-all-the-way-songs-of-the-chhathee-maya.html|title=देव छठ मेला: हर तरफ गूंज रही छठी मईया के गीत &#124; Naya India|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190403203912/https://www.nayaindia.com/hindu-news/bihar-aurangabad-dev-chhath-mela-all-the-way-songs-of-the-chhathee-maya.html|archive-date=3 अप्रैल 2019|url-status=dead}}</ref> <ref>{{Cite web|url=https://www.bhaskar.com/bihar/aurangabad/news/ncc-cadets-and-scouts-guides-deployed-in-deo-mela-020741-3168705.html|title=एनसीसी के कैडेट और स्काउट-गाइड देव मेला में तैनात हुए|first=Bhaskar|last=Automation|date=12 नव॰ 2018|website=Dainik Bhaskar|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190403203911/https://www.bhaskar.com/bihar/aurangabad/news/ncc-cadets-and-scouts-guides-deployed-in-deo-mela-020741-3168705.html|archive-date=3 अप्रैल 2019|url-status=live}}</ref> कार्तिक छठ पूजा में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। देव में जिला प्रशासन के साथ स्काउट गाइड मिलकर सुरक्षा, विधि व्यवस्था बनाने में स्काउट गाइड की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। <ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/bihar/rohtas-scout-guide-in-control-of-the-crowd-of-god-chhath-mela-18626260.html|title=देव छठ मेला के भीड़ नियंत्रण में लगे स्काउट गाइड|website=Dainik Jagran|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190403203910/https://www.jagran.com/bihar/rohtas-scout-guide-in-control-of-the-crowd-of-god-chhath-mela-18626260.html|archive-date=3 अप्रैल 2019|url-status=live}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/bihar/aurangabad-dev-will-spend-25-million-on-chhath-mela-16595870.html|title=देव छठ मेला पर खर्च होंगे 25 लाख|website=Dainik Jagran|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190403203909/https://www.jagran.com/bihar/aurangabad-dev-will-spend-25-million-on-chhath-mela-16595870.html|archive-date=3 अप्रैल 2019|url-status=live}}</ref><ref name="auto"/>देव एक ऐसा जगह है जहां हिन्दू के साथ मुस्लिम भी छठ करते हैं। <ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/bihar/aurangabad-chhath-puja-starts-17702369.html|title=नहाय-खाय के साथ चार दिवसयी छठ प्रारंभ|website=Dainik Jagran|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190403203911/https://www.jagran.com/bihar/aurangabad-chhath-puja-starts-17702369.html|archive-date=3 अप्रैल 2019|url-status=live}}</ref> कोणार्क सूर्य मंदिर, देव सूर्य मंदिर व कालपी मंदिर तीन ऐसी जगहें हैं, जहां सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है। इसका जिक्र भविष्य पुराण में किया गया है। इस पुराण के मुताबिक धरती पर इंद्र वन, मुंडीर वन व कालपी भगवान सूर्य का मुख्य स्थान है। <ref>{{Cite web |url=https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-dev-kartik-chhath-mela-got-the-status-of-state-fair-5729216-PHO.html |title=संग्रहीत प्रति |access-date=7 अप्रैल 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190407132947/https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-dev-kartik-chhath-mela-got-the-status-of-state-fair-5729216-PHO.html |archive-date=7 अप्रैल 2019 |url-status=live }}</ref> देव छठ मेले में देश के विभिन्न भागों तथा राज्य के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं और व्रतधारियों की सुविधा के लिए पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य सेवा, सुरक्षा, परिवहन आवासन आदि की बेहतर व्यवस्था की जाती है। <ref>{{Cite web |url=https://www.nayaindia.com/hindu-news/bihar-aurangabad-dev-chhath-mela-all-the-way-songs-of-the-chhathee-maya.html |title=संग्रहीत प्रति |access-date=3 अप्रैल 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190403203912/https://www.nayaindia.com/hindu-news/bihar-aurangabad-dev-chhath-mela-all-the-way-songs-of-the-chhathee-maya.html |archive-date=3 अप्रैल 2019 |url-status=dead }}</ref>
 
[[छठ]] एक लोकपर्व है. सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पूजन डूबते सूरज का पहले किया जाता है, फिर उगते सूरज का होता है. प्रसाद रूप में सभी प्रकार के फल-फूल, सब्जियां, कंद-मूल वगैरह होती हैं. नये तैयार गुड़ से बने पकवान चढ़ाये जाते हैं. मिट्टी तथा बांस के बर्तन ही काम में लिये जाते हैं,कुछ भी कृत्रिम नहीं.<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/religion/chhath-puja-2023-great-festival-of-worship-creation-know-what-its-speciality-srn|title=सृजन की उपासना का महापर्व है छठ, जानें क्या है विशेषता|date=17 नवंबर 2023|work=प्रभात खबर|access-date=16 दिसंबर 2023}}</ref>
 
==मेले में श्रद्धालुओं की संख्या==