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=== ऋषिकुंड ===
ऋषि कुंड तपो स्थल के रूप में मशहूर है. यह बिहार का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां आने के बाद पर्यटक सुकून महसूस करते हैं. आम दिनों में पिकनिक के लिए यहां लोग दोस्तों व परिवार के साथ आते हैं. इन दिनों मलमास मेला लगा हुआ है जिसका आनंद लेने के लिए लोग आ रहे हैं. प्रत्येक 3 वर्ष पर मलमास मेला का आयोजन होता है और प्रशासन इसकी पूरी तैयारी करके रखती है. राजगीर के बाद ऋषि कुंड में ही मलमास मेला का आयोजन होता है।<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/munger/malmas-mela-in-bihar-tourism-as-rishi-kund-munger-malmas-mela-tourist-place-route-skt|title=मुंगेर के ऋषि कुंड में उमड़ रही भीड़, जानिए कैसे जा सकते हैं|date=10 अगस्त 2023|work=प्रभात खबर|access-date=14 दिसंबर 2023}}</ref>
 
मलमास मेला में दूर दराज से लोग आते हैं. ऋषि कुंड स्थल को रामायण काल में एक तपोस्थल के रूप में बताया जाता है. कहा जाता है कि यहां बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने तब तप किया था. राजा दशरथ की पुत्री शांता और विभांडक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि के मिलन का स्थल भी यही ऋषि कुंड है. ऐसी मान्यता है कि महाराज दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए यहीं पर तप याचना किए और पुत्र प्राप्ति के बाद ऋषि कुंड में आकर अपने पुत्र श्रीराम का मुंडन संस्कार कराए
 
खड़गपुर की पहाडि़यों पर स्थित यह तीर्थस्‍थल काफी मशहूर है। यह मुंगेर से २३कि॰मी॰ दक्षिण-पुर्व में नौवागढ़ी-पाटम-लोहची पथ में पहाड़पुर वनवर्षा के समीप स्थित है। इस स्‍थान का नाम प्रसिद्ध ऋषि श्रृंग के नाम पर रखा गया है। यहां मलमास के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। पर्यटकों के बीच यहां का गर्म झरना आकर्षण के केंद्र बिंदू में रहता है। ठंड के मौसम में इस झरने का पानी हल्‍का गर्म हो जाता है जिसमें स्‍नान करने के लिए दूर दराज से पर्यटक आते हैं। यहीं पर एक डैम का निर्माण भी किया गया है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है। यहां स्थित कुंड जिसको लोग ऋषिकुंड के नाम से जानते हैं, के बारे में कहा जाता है कि व्‍यक्ति चाहे लंबा हो या छोटा पानी उसके कमर के आसपास तक ही होता है। यहीं भगवान शिव को समर्पित एक बहुत प्राचीन मंदिर है जो भक्‍तों के बीच काफी लोकप्रिय है।
 
इसके अलावा खड़गपुर झील, रामेश्‍वर कुंड, पीर पहाड़, हा-हा पंच कुमारी, उरेन, बहादूरीया-भूर, भीमबांध आदि-आदि भी देखने लायक जगह है।
'''मिर कासिम गुफा''': यह गुफा मुंगेर किले के पास स्थित है और मिर कासिम के शासनकाल के दौरान बनाई गई थी। गुफा के अंदर भित्ति चित्र और शिलालेख हैं जो उस समय के कला और संस्कृति की झलक दिखाते हैं।
 
'''गया घाट''': यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है और मुंगेर का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। घाट से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है और यहां घूमने-फिरने के लिए भी अच्छी जगह है।
 
'''मंझार कुंड''': यह झरना कैमूर पहाड़ियों में स्थित है और मुंगेर से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। झरने का दृश्य बहुत ही सुंदर है और यहां ट्रैकिंग और पिकनिक मनाने का आनंद लिया जा सकता है।
 
'''चंडी स्थान''': यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और मुंगेर शहर से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है। नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेला लगता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
 
'''• काली पहाड़'''
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[https://g.co/kgs/1Hhz8Y भगवती अस्थान] एक प्रसिद्ध दिव्य अस्थल है जो सफियाबाद से १ किलोमीटर दूर गौरीपुर गांव में स्थित है यहां एक विशाल पीपल का वृक्ष है माना जाता है की यहां पर सभी देवी वास करते हैं और यहीं पर सर्वप्रथम [https://www.google.com/search?client=ms-android-oppo&sxsrf=ALeKk02Jk4FWzh7UYi4NeO9RMB36ykMOUg:1623404930373&q=%E0%A4%AC%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80+%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%97%E0%A4%BE+%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%82+%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0&ludocid=17769851726326664862&ibp=gwp;0,7&lsig=AB86z5X7B07oF71dR7b0br_QmmJx&kgs=3d38751d7222d272&shndl=-1&source=sh/x/kp/local/2&entrypoint=sh/x/kp/local बड़ी दुर्गा] की मूर्ति बैठाया गया था जो आज मुंगेर के शादी पुर में बैठाया जाता है।
 
इसके अलावा खड़गपुर झील, रामेश्‍वर कुंड, पीर पहाड़, हा-हा पंच कुमारी, उरेन, बहादूरीया-भूर, भीमबांध आदि-आदि भी देखने लायक जगह है।
 
== आवागमन ==
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ग्रामीण इन्फोटेक मुंगेर 96344
 
 
 
'''कॉलेज''':-
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उच्च विद्यालय सिंघिया, जमालपुर मुंगेर
 
 
 
== प्रसिद्ध लोग ==
* [[रामधारी सिंह 'दिनकर']], कवि