"दरभंगा": अवतरणों में अंतर

दरभंगा में घूमने की जगह
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* '''महाराजा लक्ष्मिश्वर सिंह संग्रहालय एवं चंद्रधारी संग्रहालय''':
रंती-ड्योढी ([[मधुबनी]]) के स्वर्गीय चंद्रधारी सिंह द्वारा दान किए गए कलात्मक एवं अमूल्य दुर्लभ सामग्रियों को शहर के मानसरोवर झील किनारे 7 दिसम्बर 1957 को स्थापित एक संग्रहालय में रखा गया है। इस संग्रहालय को सन 1974 में दोमंजिले भवन में स्थानान्तरित कर दिया गया जहाँ संग्रहित वस्तुओं को ११ कक्षों में रखा गया है। सितंबर 1977 में दरभंगा के तत्कालिन जिलाधिकारी द्वारा महाराजा लक्ष्मिश्वर सिंह संग्रहालय की स्थापना की गयी। दरभंगा महाराज के वंशज श्री शुभेश्वर सिंह द्वारा दान की गयी दुर्लभ कलाकृतियाँ एवं राज से संबधित वस्तुएँ यहाँ संग्रहित है। दरभंगा राज की अमूल्य एवं दुर्लभ वस्तुएं तथा सोने, चाँदी एवं हाथी दाँत के बने हथियारों आदि को आठ कक्षों में सजाकर रखा गया है। सोमवार छोडकर सप्ताह में प्रत्येक दिन खुलने वाले दोनों संग्रहालयों में प्रवेश नि:शुल्क है।<ref>{{Cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=237 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=8 दिसंबर 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20141214032310/http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=237 |archive-date=14 दिसंबर 2014 |url-status=dead }}</ref>
 
* '''अहिल्या स्थान''': यह स्थान दरभंगा से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था और यह देवी अहिल्या को समर्पित है। मंदिर के आसपास एक सुंदर बगीचा भी है।
* '''कुशेश्वर शिव मंदिर''': यह मंदिर दरभंगा से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित है और कैमूर पहाड़ियों के बीच में एक प्राकृतिक गुफा में बना हुआ है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां हर साल महाशिवरात्रि पर मेला लगता है।
* '''महेशखुंड झरना''': यह झरना दरभंगा से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है और कुशेश्वर शिव मंदिर के पास ही है। झरना का पानी एक पहाड़ से नीचे गिरता है और यहां का वातावरण बहुत ही सुंदर और शांत है।
* '''मिथला आर्ट गैलरी''': यह गैलरी दरभंगा की प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग्स का संग्रहालय है। गैलरी में मिथिला पेंटिंग्स के विभिन्न प्रकार के चित्र देखे जा सकते हैं।<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/darbhanga/mithila-urban-haat-became-a-center-of-tourism-in-bihar-see-photos-asj|title=बिहार में पर्यटन का एक केंद्र बना मिथिला अर्बन हाट, देश ही नहीं विदेश से भी आने लगे लोग, देखें तस्वीरें|date=7 अगस्त 2023|work=प्रभात खबर|access-date=14 दिसंबर 2023}}</ref> अर्बन हाट बिहार में पर्यटन का एक मुख्य केंद्र बनता जा रहा है. एनएच 57 से मात्र 50 मीटर की दूरी पर मिथिला अर्बन हाट स्थित है.
 
* '''चंदनचौक बाजार''': यह बाजार दरभंगा का सबसे पुराना बाजार है और यहां आप तरह-तरह के सामान खरीद सकते हैं। बाजार में मिथिला पेंटिंग्स, हस्तशिल्प, कपड़े और खाने-पीने की चीजें मिलती हैं।
* '''नवादा दुर्गास्थान''': यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और दरभंगा से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है। मंदिर में हर साल दुर्गा पूजा के दौरान भव्य मेला लगता है।
 
* '''श्यामा मंदिर''':
दरभंगा स्टेशन से १ किलोमीटर की दूरी पर मिथिला विश्वविद्यालय के परिसर में दरभंगा राज द्वारा १९३३ में बनवाया गया काली मंदिर बहुत सुंदर है। स्थानीय लोगों में इस मंदिर की बड़ी प्रतिष्ठा है और लोगों में ऐसा विश्वास है कि यहाँ पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है।