*सहसराम में शेरशाह सूरी का शानदार मक़बरा बना हुआ है। इसे स्वयं शेरशाह सूरी ने अपने जीवन काल में बनवाया था। यह अपने समय की कला का श्रेष्ठतम नमूना है। एक विशाल झील के मध्य उठे हुए चबूतरे पर बना यह मक़बरा उसके 'व्यक्तित्व का प्रतीक' है। यह तुग़लक़ बादशाहों की इमारतों की सादगी और शाहजहाँ की इमारतों की स्त्रियोचित सुन्दरता के बीच की कड़ी है। यह भवन अपनी परिकल्पना में इस्लामी पर इसका भीतरी भाग हिन्दू वास्तुकला से सजाया-सँवारा गया है। इसे उत्तर भारत की श्रेष्ठ इमारतों में से एक कहा गया है। इस पर हिन्दू और इस्लामी कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। वस्तुतः अकबर के राज्यकाल के पूर्व हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य के समंवय का सबसे सुन्दर नमूना शेरशाह का मक़बरा है।▼
इसे उत्तर भारत की श्रेष्ठ इमारतों में से एक कहा गया है। इस पर हिन्दू और इस्लामी कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। वस्तुतः अकबर के राज्यकाल के पूर्व हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य के समंवय का सबसे सुन्दर नमूना शेरशाह का मक़बरा है।
* '''रोहतासगढ़ किला''': कैमूर पहाड़ियों की चोटियों पर स्थित यह किला भारत के सबसे मजबूत किलों में से एक है। यह किला 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 18वीं शताब्दी ईस्वी तक कई राजवंशों का गवाह रहा है। किले के अंदर कई मंदिर, जलाशय और अन्य संरचनाएं हैं।<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/patna/bihar-tourism-places-in-sasaram-visit-tourist-place-in-rohtas-district-bihar-news-skt|title=बिहार के सासाराम में घूमने के लिए कई खूबसूरत जगह|date=29 मई 2022|work=प्रभात खबर|access-date=14 दिसंबर 2023}}</ref>
* शेरगढ़ किला: यह किला रोहतासगढ़ किले से कुछ ही दूरी पर स्थित है और 16वीं शताब्दी में शेरशाह सूरी द्वारा बनवाया गया था। यह किला अपनी विशाल दीवारों और सुरक्षा प्रणालियों के लिए जाना जाता है।
* मंझार कुंड: यह एक प्राकृतिक झरना है जो कैमूर पहाड़ियों से निकलता है। यह झरना अपने सुंदर दृश्यों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
* धुआं कुंड: यह एक और प्राकृतिक झरना है जो मंझार कुंड के पास ही स्थित है। इस झरने का नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि इसके पानी में कभी-कभी धुआं जैसा दिखाई देता है।
* पीरू पहाड़: यह एक पहाड़ी है जो कैमूर पहाड़ियों का हिस्सा है। इस पहाड़ पर एक मंदिर है और यहां से सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है।
* गुप्तधाम: यह एक गुफा मंदिर है जो पहाड़ियों के अंदर स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण गुप्त राजवंश के शासनकाल के दौरान किया गया था।
* ताराचंडी मंदिर: यह मंदिर देवी ताराचंडी को समर्पित है और कैमूर पहाड़ियों पर स्थित है। इस मंदिर से कैमूर घाटी का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।
▲* शेरशाह सूरी का शानदार मक़बरा बना हुआ है। इसे स्वयं शेरशाह सूरी ने अपने जीवन काल में बनवाया था। यह अपने समय की कला का श्रेष्ठतम नमूना है। एक विशाल झील के मध्य उठे हुए चबूतरे पर बना यह मक़बरा उसके 'व्यक्तित्व का प्रतीक' है। यह तुग़लक़ बादशाहों की इमारतों की सादगी और शाहजहाँ की इमारतों की स्त्रियोचित सुन्दरता के बीच की कड़ी है। यह भवन अपनी परिकल्पना में इस्लामी पर इसका भीतरी भाग हिन्दू वास्तुकला से सजाया-सँवारा गया है। इसे उत्तर भारत की श्रेष्ठ इमारतों में से एक कहा गया है। इस पर हिन्दू और इस्लामी कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। वस्तुतः अकबर के राज्यकाल के पूर्व हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य के समंवय का सबसे सुन्दर नमूना शेरशाह का मक़बरा है।