"दीपिका कुमारी": अवतरणों में अंतर
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== करियर एवं उपलब्धियाँ==
{{rquote|left| मैंने अपनी निशानेबाजी तकनीक में कुछ बदलाव किये जिनका फायदा मिला है।|दीपिका कुमारी}}<ref>{{Cite web |url=http://zeenews.india.com/hindi/news/%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%B2-%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80/%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%A4%E0%A4%95%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%95-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE/190841 |title="जी नियुज" में दीपिका कुमारी की आत्म कथात्मक टिप्पणी |access-date=4 दिसंबर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130925223229/http://zeenews.india.com/hindi/news/%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%B2-%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80/%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%A4%E0%A4%95%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%95-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE/190841 |archive-date=25 सितंबर 2013 |url-status=live }}</ref>
दीपिका को [[धनुर्विद्या|तीरंदाजी]] में पहला मौका 2005 में मिला जब उन्होने पहली बार अर्जुन आर्चरी अकादमी ज्वाइन किया। यह अकादमी [[झारखण्ड|झारखंड]] के मुख्यमंत्री [[अर्जुन मुंडा]] की पत्नी मीरा मुंडा ने खरसावां में शुरू की थी। तीरंदाजी में उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 2006 में हुई जब उन्होंने [[टाटा समूह|टाटा]] तीरंदाजी अकादमी ज्वाइन किया। उन्होने यहां तीरंदाजी के दांव-पेच सीखे। इस युवा तीरंदाज ने 2006 में मैरीदा [[मेक्सिको]] में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में कम्पाउंट एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। ऐसा करने वाली वे दूसरी भारतीय थीं। यहां से शुरू हुए सफर ने उन्हें [[ब्रह्माण्ड|विश्व]] की नम्बर वन तीरंदाज का तमगा हासिल कराया। सबसे पहले वर्ष 2009 में महज 15 वर्ष की दीपिका ने [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]] में हुई 11वीं यूथ आर्चरी चैम्पियनशिप जीत कर अपनी उपस्थिति जाहिर की थी। फिर 2010 में एशियन गेम्स में कांस्य हासिल किया। इसके बाद इसी वर्ष [[राष्ट्रमण्डल खेल|कॉमनवेल्थ खेलों]] में [[महिला]] एकल और टीम के साथ दो स्वर्ण हासिल किये। [[राष्ट्रमण्डल खेल]] 2010 में उन्होने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा के स्वर्ण जीते बल्कि महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया। भारतीय तीरंदाजी के इतिहास में वर्ष 2010 की जब-जब चर्चा होगी, इसे देश की रिकर्व तीरंदाज दीपिका के स्वर्णिम प्रदर्शनों के लिए याद किया जाएगा। फिर [[इस्तांबुल]] में 2011 में और [[टोक्यो]] में 2012 में एकल खेलों में रजत पदक जीता। इस तरह एक-एक करके वे जीत पर जीत हासिल करती गईं। इसके लिए उन्हें [[अर्जुन पुरस्कार]] दिया गया। 2016 में [[राष्ट्रपति]] [[प्रणब मुखर्जी]] ने दीपिका को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया। <ref>{{cite news|last=कुमार|first=अमर|title=दीपिका ने दिलाया स्वर्ण, भारत तीरंदाजी विश्व कप में चौथे स्थान पर|url=http://aajtak.intoday.in/story/deepika-shoots-gold-in-archery-world-cup-1-736832.html|accessdate=4 दिसम्बर 2013|newspaper=आज तक|date=22 जुलाई 2013|archive-url=https://web.archive.org/web/20131203062835/http://aajtak.intoday.in/story/deepika-shoots-gold-in-archery-world-cup-1-736832.html|archive-date=3 दिसंबर 2013|url-status=live}}</ref>
== सन्दर्भ ==
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