"सांप्रदायिकता" से पीड़ित हिंदुओं और मुसलमानों दोनों समूहों ने सामाजिक न्याय की माँग की उपेक्षा की है।<ref name="Ambedkar"/>
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== महान विचार ==
# समानता एक कल्पना हो सकती है लेकिन फिर भी इसे एक शासकीय सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना चाहिए.<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/photos/dr-bhimrao-ambedkar-death-anniversary-baba-saheb-jeevan-parichay-biography-quotes-in-hindi-mkh|title=डॉ भीमराव अंबेडकर की पुष्यतिथि पर जानें उनके अनमोल विचार|date=6 दिसंबर 2023|work=प्रभात खबर|access-date=15 दिसंबर 2023}}</ref>
# कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार हो जाता है, तो दवा दी जानी चाहिए.
# जाति ईंटों की दीवार या कांटेदार तारों की रेखा जैसी कोई भौतिक वस्तु नहीं है जो हिंदुओं को एक साथ आने से रोकती है और इसलिए, जिसे उखाड़ फेंका जाना चाहिए. जाति एक धारणा है, यह मन की एक स्थिति है.
# एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से इस मायने में भिन्न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार होता है.
# मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति के आधार पर मापता हूं. - बीआर अंबेडकर
# "मन की खेती मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए - बीआर अंबेडकर
# अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है, तो मैं इसे जलाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा" - बीआर अंबेडकर