मैथन डैम से समंधित
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[[चित्र:Mithondam.jpg|thumb|right|280px|मैथन बांध]]
भारतवर्ष के [[झारखंड]] प्रदेश में स्थित [[धनबाद]] से ५२ किमी दूर '''मैथन बांध''' [[दामोदर वैली कारपोरेशन]] का सबसे बड़ा जलाशय है। इसके आस-पास का सौंदर्य पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।<ref>{{cite web|url=http://portal.jharkhandtourism.in/hindi/profiles/dhanbad.asp|title=धनबाद|access-date=[[९ जुलाई]] [[२००९]]|format=|publisher=झारखंड पर्यटन|language=}}{{Dead link|date=फ़रवरी 2023 |bot=InternetArchiveBot }}</ref> [[बराकर नदी]] के ऊपर बने इस बाँध का निर्माण बाढ़ को रोकने के लिए किया गया था। बाँध के नीचे एक पावर स्‍टेशन का भी निर्माण किया गया है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपने आप में आधुनिकतम तकनीक का उदाहरण माना जाता है। इसकी परिकल्पना [[जवाहरलाल नेहरू]] ने की थी। इसके पास ही माँ कल्‍याणेश्‍वरी का एक अति प्राचीन मंदिर भी है। लगभग ६५ वर्ग कि॰मी॰ में फैले इस बाँध के पास एक झील भी है जहाँ नौकायन और आवासीय सुविधाएँ उपलब्‍ध है। इसके अतिरिक्त एक मृगदाव तथा पक्षी विहार भी है, जहाँ पर्यटक जंगल के प्राकृतिक सौन्‍दर्य तथा विभिन्‍न किस्‍म के पशु-पक्षियों को देख सकते है। १५,७१२ फीट लंबे और १६५ फीट ऊँचे इस बाँध से ६०,००० किलोवाट बिजली का उत्‍पादन होता है। वैसे य़े इलाका नक्सली प्रभावित भी है----इसलिए जाने से पहले थोड़ा सावधान
 
[[मैथन बांध]] का निर्माण 1948 में शुरू हुआ था और 1957 में पूरा हुआ था। इस बांध का निर्माण मुख्य रूप से बाढ़ नियंत्रण, जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई के लिए किया गया था।
 
[[मैथन बांध]] की विशेषताएं :-
 
[[मैथन बांध]] एक ठोस कंक्रीट बांध है। यह 4789 मीटर लंबा और 50 मीटर ऊंचा है। इस बांध की जलाशय क्षमता 177.33 मिलियन घन मीटर है।<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/jharkhand/dhanbad/jharkhand-dhanbads-maithon-panchet-dam-water-level-lowest-in-eight-years-rgj|title=आठ सालों में धनबाद के मैथन डैम का जलस्तर सबसे नीचे|date=19 अगस्त 2022|work=प्रभात खबर|access-date=13 दिसंबर 2023}}</ref>
 
बांध के पीछे एक 6.3 वर्ग किलोमीटर का जलाशय है, जिसकी क्षमता 250 मिलियन घन मीटर है।
 
बाँध के नीचे एक पावर स्‍टेशन का भी निर्माण किया गया है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपने आप में आधुनिकतम तकनीक का उदाहरण माना जाता है। इसकी परिकल्पना [[जवाहरलाल नेहरू]] ने की थी। इसके पास ही माँ कल्‍याणेश्‍वरी का एक अति प्राचीन मंदिर भी है। लगभग ६५ वर्ग कि॰मी॰ में फैले इस बाँध के पास एक झील भी है जहाँ नौकायन और आवासीय सुविधाएँ उपलब्‍ध है। इसके अतिरिक्त एक मृगदाव तथा पक्षी विहार भी है, जहाँ पर्यटक जंगल के प्राकृतिक सौन्‍दर्य तथा विभिन्‍न किस्‍म के पशु-पक्षियों को देख सकते है। १५,७१२ फीट लंबे और १६५ फीट ऊँचे इस बाँध से ६०,००० किलोवाट बिजली का उत्‍पादन होता है।
 
== पर्यटन ==
[[पर्यटन]] की दृष्टि से मैथन बाँध का महत्त्वपूर्ण स्थान है। यहाँ हजारों की संख्‍या में पर्यटक प्रतिदिन पहुँचते हैं जिससे पूरा शहर पर्वतीय नगरी जैसा लगता है। इस शहर की शांति अनायास आकर्षित कर लेती है। यहाँ आवागमन के लिए [[दिल्ली]] और [[मुंबई]] सहित देश के कई भागों से [[रांची]] और [[पटना]] के लिए वायु सेवाएं उपलब्‍ध हैं। रांची और पटना हवाई अड्डे से बसों व टैक्सियों द्वारा पर्यटक आसानी से धनबाद तक पहुँच सकते हैं। [[बराकर]] और [[कुमारधुबी]] यहाँ के निकटतम रेलवे-स्‍टेशन हैं, जो यहाँ से ८ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। धनबाद और [[गोमो]] इस शहर के मुख्‍य रेलवे स्टेशन हैं, जो देश के विभिन्‍न स्थलों से सीधे रेल-सेवा द्वारा जुड़े हुए हैं। मैथन के लिए धनबाद, आसनसोल तथा बराकर से हर समय बस सेवा उपलब्‍ध है।
 
== सन्दर्भ ==
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{{भारत की नदी घाटी परियोजनाएं}}