"धनबाद": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Indian Jurisdiction |
| नगर का नाम = धनबाद<br>ᱫᱷᱟᱱᱵᱟᱫᱽ
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'''धनबाद''' [[भारत]] के [[झारखंड]] में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व में यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है।
 
'''झारखंड राज्य''' के पूर्वी भाग में स्थित [[धनबाद]], [[भारत]] का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक क्षेत्र है। इसे [["भारत की कोयला राजधानी"|'''"भारत की कोयला राजधानी"''']] के रूप में भी जाना जाता है। धनबाद शहर झारखंड के सबसे पुराने शहरों में से एक है, और इसकी स्थापना 1830 में हुई थी।<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/jharkhand/dhanbad/dhanbad-news-pt-nehru-so-called-wife-died-in-panchet-kkk|title=धनबाद में पं नेहरू को माला पहना मुसीबत झेलने वाली बुधनी मंझियाइन का निधन|date=18 नवंबर 2023|work=प्रभात खबर|access-date=29 नवंबर 2023}}</ref>
 
धनबाद का मुख्य उद्योग कोयला खनन है। यहां कई बड़े कोयला खदानें हैं, जो भारत की कोयला आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रदान करती हैं। इसके अलावा, धनबाद में लोहा और इस्पात, सीमेंट, प्लास्टिक और अन्य उद्योग भी हैं।
 
झारखंड में स्थित धनबाद को [[भारत]] की [[कोयला]] राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, पंचेत डैम, बिरसा मुंडा पार्क, तोपचांची झील, [[पारसनाथ]] पहाड़ और [[मैथन]] डैम प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं।
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;पंचेत
मैथन-जमाडोबा-पंचेत: यह तीनों स्थान अपने पानी के संयंत्र और बांध के लिए प्रसिद्ध है। इन संयंत्रों और बांध के बनने से धनबाद के निवासियों की जीवन शैली में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पंचेत में पर्यटक पंचेत बांध देख सकते हैं। इस बांध के पास एक सुन्दर शहर भी बसा दिया गया है। [[पंचेत]] की सैर करने के बाद पर्यटक मैथन घूमने जा सकते हैं। यह अपने बांध और पनबिजली संयंत्र के लिए जाना जाता है। इन दोनों के अलावा जमाडोबा की सैर की जा सकती है। जमादोबा में जल आपूर्ति संयंत्र लगाया गया है जिससे धनबाद को जलापूर्ति की जाती है।
 
'''पंचेत बांध''' [[झारखंड]] के [[धनबाद]] जिले में स्थित एक बांध है। यह बांध कोयल नदी पर बनाया गया है और इसका निर्माण 1954 में शुरू हुआ था और 1961 में पूरा हुआ था। बांध की ऊंचाई 100 मीटर और लंबाई 1,025 मीटर है। यह बांध 52.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में पानी संग्रहित करता है।<ref name=":0">{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/jharkhand/dhanbad/jharkhand-dhanbads-maithon-panchet-dam-water-level-lowest-in-eight-years-rgj|title=आठ सालों में धनबाद के मैथन-पंचेत डैम का जलस्तर सबसे नीचे|date=19 अगस्त 2022|work=प्रभात खबर|access-date=29 नवंबर 2023}}</ref>
 
;[[टुंडी]]
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;मैथन डैम
मैथन डैम [[बराकर नदी]] पर स्थित एक बांध है। उस नदी के बीचोबीच एक खूबसूरत द्वीप है, जो लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। पास ही एक हिरण पार्क (Deer Park) और बर्ड सैंक्चुअरी (Bird Sanctuary) भी है। दामोदर परियोजना के आधार पर यहाँ जल विद्युत परियोजना स्थापित की गयी है।
 
मैथन बांध, झारखंड के धनबाद जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण बांध है। यह संरक्षित नदी, बराकर, पर निर्मित हुआ था और इसका निर्माण 1949 में प्रारंभ हुआ था, जो 1957 में पूरा हुआ। इस बांध की ऊचाई 50 मीटर है और इसकी लंबाई 4,789 मीटर है। यह बांध एक 40.4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में पानी को संग्रहित करता है।<ref name=":0" />
 
;[[सिंदरी]]
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;रेल मार्ग
पर्यटकों की सुविधा के लिए धनबाद और [[गोमो]] में रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है। [[भुवनेश्वर]]-राजधानी एक्सप्रेस, कालका मेल और नीलांचल एक्सप्रैस द्वारा आसानी से इन स्टेशनों तक पहुंचा जा सकता है। [[[[File:Dhanbad6.jpg|thumb|धनबाद रेलवे स्टेशन]][[|thumb|right|धनबाद रेलवे स्टेशन]] |
 
== धनबाद से चुने गये सांसद ==
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== रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी ==
https://web.archive.org/web/20150620094131/https://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=%E0%A4%A7%E0%A4%A8%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6&action=edit
रणधीर वर्मा की याद में झारखंड में एक गैर सरकारी संगठन संचालित है, जो मुख्य रूप से समाज के वंचित वर्ग के लोगों को अनौपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का काम करता है। इस संगठन का नाम है रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी। इसके प्रमोटर हैं वरिष्ठ पत्रकार श्री किशोर कुमार। रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी का कार्यक्षेत्र फिलहाल धनबाद, [[बोकारो]] और [[गिरिडीह]] है। धनबाद में [[उर्दू]] भाषी छात्र-छात्राओं के लिए सस्ती दरों पर [[कंप्यूटर]] शिक्षा की व्यवस्था है, जिसे मान्यता दे रखी है नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज (एनसीपीयूएल) ने। यह भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय का स्वायत्तशासी संगठन है। बोकारो में 32 से ज्यादा ट्रेडों में अनौपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है।
रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी माइक्रोसॉफ्ट का इंडियन पार्टनर ताराहाट से संबद्ध है, जो अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन डेवलपमेंट अल्टरनेटिव का एक अनुभाग है।
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जिससें द्वितीय विश्वयुद्ध के समय कोलकाता का संपर्क पूरे उत्तर भारत से कट गया था। सरकार को दामोदर नदी की विनाशक शक्त्ति का आभास हुआ, दामोदर नदी को बाँधने की तैयारी शुरु हो गयी। अमेरिका के टेंनेसी परियोजना के तर्ज पर [[दामोदर वैली कार्पोरेशन]] की स्थापना 1948 में की गई। परियोजना संबंध में अमेरिकी इंजिनीयर डब्लु एल वुर्दुइन (W L Voorduin) ने अपनी रिपोर्ट 1945 में रखी। इनकें अनुसार आठ जलाशयों का निर्माण किया जायेगा, नहरो का एक नेटवर्क जो 7.6 लाख एकड़ भूमि को सिंचित करेगा पर इसका मुख्य कार्य बाढ़ नियंत्रण होगा।
 
== [[तोपचांची डैम]] ==
 
तोपचांची डैम का निर्माण सन् 1915 में किया गया था। जो कि 1924 को पूर्ण हुआ। डैम का क्षेत्रफल 5 लाख स्केवयर किलोमीटर है, तथा धारण क्षमता 1295 मिलियन गैलन है। जमा जल का प्रयोग झरिया जल बोर्ड द्वारा कोलफील्ड क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराना होता है। 24 घंटे में 2.4 मिलियन गैलन जल गुरुत्वाकर्षण की आपूर्ति प्रणाली द्वारा शहर को भेजा जाता है। धीमी गति से रेत निस्पंदन
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शोधन के बाद पानी की आपूर्ति की जाती है। तोपचांची डैम में जल लाल्की तथा धोलकट्टा क्षेत्र से आता है।
 
== जलबायु[[जलवायु]] ==
धनबाद की जलवायु सुखद विशेषकर शीतकाल के नवम्बर से फरवरी के महीने में रहता है। वर्षाकाल के मध्य जून से मध्य अक्टूबर तक महीने में 55 सेमी. वर्षा होती है।
 
 
 
== शिक्षा संस्थान ==
1.विश्वविख्यात [[भारतीय खनि विद्यापीठ विश्वविद्यालय]], 1926, इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स दुनिया भर में खनन संकाय में अपनी अनूठी प्रशिक्षण के लिए जाना जाता है।
 
2.[[बिरसा प्रौद्योगिकी संस्थान, सिंदरी]], (बी.आई.टी.) [[सिंदरी]], 1949 (पुर्व में बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी)
 
3.सरायढेला में [[पाटलीपुत्र मेडीकल कालेज]], 1969
 
4.डेवी शंकर ट्रांड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी (डेवीशंकर ट्रांड इंस्टीट्यूट, धनबाद)
 
5.बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड साइंस (BIAS धनबाद)
 
6.बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस और प्लानिंग (BIFP धनबाद)
 
कई निजी संस्थान भी कर्यारत है।
 
== आदर्श स्थल ==
[[बैंक मोड़]], [[झरिया]], [[भुली]], [[स्टील गेट]], [[सरायढेला]], [[सिजुआ]], [[भदरीचक]], [[कतरास]], [[पार्क मार्केट]], [[बिरसा मुंडा पार्क]], [[लुबी सर्कुलर रोड]], [[कोयला नगर]], [[राजगंज]], [[बरवड्डा]], [[निरसा]], [[चिरकुण्डा]], [[तेतुलमारी]], [[सिंदरी]], [[टुंडी]], [[तोपचांची]], [[वासेपुर]]
 
== '''[[चासनाला खान दुर्घटना]]''' ==
 
27 दिसम्बर 1975 को भारत के इतिहास के सबसे बडी़ खान दुर्घटना धनबाद से 20 किलोमीटर दूर चासनाला में घटी, सरकारी आँकडों के अनुसार लगभग 375 लोग मारे गये थे।
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[[चित्र:Kaalapatthar.jpg|thumb|right| '''काला पत्थर''' का पोस्टर]]
 
== '''नेताजी सुभाष चंद्र बोस और धनबाद''' ==
धनबाद के [[गोमो]] से नेताजी ने 17 जनवरी 1941 को कालका मेल पकड़ कर पेशावर चलें गये। नेताजी का धनबाद के [[पुटकी]] के निकट बीच बलिहारी से जुड़ाव रहा है, यहां उनका आना जाना लगातार बना रहता था।
पुटकी में नेताजी के भाई अशोक बोस एक कोयले के कंपनी में कार्यरत थे। यह घर अब खंडहर में तब्दील हो गया है।
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<nowiki>असंरूपित मूल यहाँ निवेश करें</nowiki>
 
;<big>"अशोक-चक्र" रणधीर वर्मा चौक</big>
यह चौक धनबाद शहर के बीचो-बीच जिला मुख्यालय से कोई 500 गज की दूरी पर है। इसी चौक के पास बैंक ऑफ इंडिया में 3 जनवरी 1991 में हुई आतंकवादी मुठभेड़ में जांबाज आरक्षी अधीक्षक रणधीर वर्मा शहीद हो गए थे। भारत के राष्ट्रपति ने 26 जनवरी 1991 को मरणोपरांत उन्हें अशोक-चक्र से सम्मानित किया था। सन् 2008 में भारतीय डाक विभाग ने उस अमर शहीद की याद में डाक टिकट जारी किया था।
रणधीर वर्मा की याद में झारखंड में एक गैर सरकारी संगठन संचालित है, जो मुख्य रूप से समाज के वंचित वर्ग के लोगों को अनौपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का काम करता है। इस संगठन का नाम है रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी। इसके प्रमोटर हैं वरिष्ठ पत्रकार श्री किशोर कुमार।
इसी रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी ने 1993 में सरकार द्वारा प्रदत्त स्थल पर रणधीर वर्मा की आदमकद प्रतिमा की स्थापना की थी, जिसका अनावरण लोकसभा के तत्कालीन विपक्ष के नेता श्री [[अटल बिहारी बाजपेयी]] ने किया था। यह प्रतिमा धनबाद शहर में आकर्षण का केंद्र है।
== '''खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (MADA)''' ==
 
खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार यानि माडा (MADA) का पुर्ण रूप मिनरल एरिया डेवेलपमेंट आथोरिटी खनिज प्रधान जिला धनबाद के विकास में मुख्य भुमिका निभाता है।
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://web.archive.org/web/20110925060337/http://dhanbad.nic.in/ धनबाद शहर का आधिकारिक जालस्थल]
* [https://web.archive.org/web/20111122043449/http://www.ismdhanbad.ac.in/ भारतीय खनन संस्थान का जालस्थल]
 
[https://hindigyanv.blogspot.com/2022/12/tourist-places-of-dhanbad-in-hindi.html/ धनबाद टूरिस्ट प्लेस]{{Dead link|date=दिसंबर 2022 |bot=InternetArchiveBot }}
 
{{झारखण्ड}}
{{दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले भारतीय महानगर}}
"https://hi.wikipedia.org/wiki/धनबाद" से प्राप्त