अगम कुआँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा चिन्हित एक पुरातात्विक स्थल के भीतर स्थापित है, जिसमें समीपवर्ती शीतला देवी मंदिर भी है जहाँ लोक देवता शीतला देवी की वंदना की जाती है। इस मंदिर के अंदर सप्तमातृकाओं (सात मातृ देवी) के पिंडों की पूजा की जाती है। चेचक और चिकन पॉक्स के इलाज के लिए मंदिर को व्यापक रूप से माना जाता है।
'''अगम कुआं''' स्थित मां शीतला मंदिर खुद में कई चमत्कारों और रहस्यों को समेटे हुए है. इसका संबंध सम्राट अशोक के काल से है. यह कुआं बिहार के सबसे पुरानी आर्कियोलॉजिकल साइट्स में से एक है. इसका बड़ा ऐतिहासिक महत्व है.
कुएं की गहराई करीब 105 फिट है. जबकि कुएं का ब्यास 16 फिट का है. कुएं के ऊपरी आधे हिस्से की चुनाई ईंट से की गयी है. जबकि नीचे के लगभग 60 फिट का हिस्सा लकड़ी के छल्ले से पाटा गया है.<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/mystery-of-agam-kuan-located-near-shitla-mandir-patna-bihar-durga-puja-2022-gvk|title=पटना के शितला मंदिर के पास स्थित 'अगमकुंआ' के रहस्य से पूरी दुनिया है हैरान, चमत्कारिक है कुएं का जल !|date=26 सितम्बर 2022|work=प्रभात खबर|access-date=19 दिसंबर 2023}}</ref> कुएं की संरचना अद्भुत हैं. कहा जाता है कि बादशाह अकबर के शासनकाल में इस कुएं का जीर्णोद्धार किया गया था. वर्तमान समय में कुएं को संरक्षित रखने के लिए कुएं के ऊपर एक छतरीनुमा ढ़ांचा तैयार किया गया है।