Update about Ratan Nabel Tata Sir
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'''रतन टाटा''' ([[28 दिसंबर]] [[1937]], को [[मुम्बई]], में जन्मे) [[टाटा|टाटा समुह]] के पूर्व अध्यक्ष, जो [[भारत]] की सबसे बड़ी [[व्यापारिक]] समूह है, जिसकी स्थापना [[जमशेदजी टाटा]] ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।
 
'''रतन नवल टाटा''' किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, पूरी दुनिया उन्हें '''रतन टाटा''' के नाम से जानती है। वे न केवल भारत के दिग्गज उद्योपति हैं, बल्कि सबसे बड़े परोपकारी भी हैं। उनके बारे में कई किम्वदंतिया भी हैं, वे टाटा संस के पूर्व चेयरमैन हैं. रतन नवल टाटा गरीबों, छात्रों, शोधकर्ताओं और नवोन्मेषी व्यक्तियों का हमेशा ख्याल रखते हैं। उनके परोपकारी होने का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि वे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दान देकर दुनिया के सबसे बड़े दानदाताओं की सूची में शामिल हो गए।<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/tech-and-auto/ratan-tata-becomes-biggest-donor-by-donating-to-cornell-university-always-takes-care-of-poor-vwt|title=कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दान देकर बने सबसे बड़े परोपकारी बने रतन टाटा|date=28 नवंबर 2023|work=प्रभात खबर|access-date=28 नवंबर 2023}}</ref>
 
[[1971]] में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कम्पनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता [[इलैक्ट्रॉनिक्स|इलेक्ट्रॉनिक्स]] के बजाय [[उच्च प्रौद्योगिकी|उच्च-प्रौद्योगिकी]] उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए [[जे आर डी टाटा|जेआरडी]] नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से [[लाभांश]] का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार सम्भाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी [[२|2]]% थी और घाटा बिक्री का 40% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया।
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[[चित्र:TATA Nano.jpg|thumb|right|250px|रतन टाटा का सच हुआ सपना उनकी [[टाटा नैनो]] कार २००८]]
रतन टाटा का सपना था कि 1,00,000 [[भारतीय रुपया|रु]] की लागत की कार बनायी जाए। ([[१९९८|1998]] : करीब .अमेरिकी डॉलर 2,200; आज अमेरिका<!--Translate this template and uncomment
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-->). नई दिल्ली में ऑटो एक्सपो में 10 जनवरी, [[२००८]] को इस कार का उदघाटन कर के उन्होंने अपने सपने को पूर्ण किया। [[टाटा नैनो]] के तीन मॉडलों की घोषणा की गई और रतन टाटा ने सिर्फ [[१|1]] लाख रूपये की कीमत की कार बाजार को देने का वादा पूरा किया, साथ ही इस कीमत पर कार उपल्बध कराने के अपने वादे का हवाला देते हुये कहा "वादा एक वादा है"
 
[[26 मार्च]] [[२००८]] को रतन टाटा के अधीन [[टाटा मोटर्स]] ने फोर्ड मोटर कम्पनी से जगुआर और लैण्ड रोवर को खरीद लिया। ब्रिटिश विलासिता की प्रतीक, जगुआर और [[लैंड रोवर]] ([[:en:Land Rover|Land Rover]]) 1.15 अरब पाउण्ड ($ 2.3 अरब),<ref>{{cite web|title = Times of India article: Jaguar is now an Indian beast|url = http://timesofindia.indiatimes.com/Jaguar_is_now_an_Indian_beast/articleshow/2902595.cms|access-date = 27 फ़रवरी 2009|archive-url = https://web.archive.org/web/20080625074026/http://timesofindia.indiatimes.com/Jaguar_is_now_an_Indian_beast/articleshow/2902595.cms|archive-date = 25 जून 2008|url-status = live}}</ref> में खरीदी गई।
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रतन टाटा एक शर्मीले व्यक्ति हैं, समाज की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं, सालों से [[मुम्बई]] के कोलाबा जिले में एक किताबों एवं कुत्तों से भरे हुये बेचलर फ्लैट में रह रहे हैं।<ref>{{cite web|title = Faces of Enterprise: Ratan Tata|url = http://www.rediff.com/money/2008/jan/02tata.htm|access-date = 9 जून 2008|archive-url = https://web.archive.org/web/20080418191744/http://www.rediff.com/money/2008/jan/02tata.htm|archive-date = 18 अप्रैल 2008|url-status = live}}</ref>
रतन टाटा ने अपना नया उत्तराधिकारी चुन लिया है। [[सायरस मिस्त्री]] रतन टाटा का स्थान लेंगे लेकिन पूरी तरह उनकी जगह लेने से पहले वो एक साल तक उनके साथ काम करेंगे। दिसंबर 2012 में वो पूरी तरह समूह की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। पलौनजी मिस्त्री के छोटे बेटे और शपूरजी-पलौनजी के प्रबंध निदेशक [[सायरस मिस्त्री]] ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक एवं लंदन बिजनेस स्कूल से प्रबंधन में डिग्री ली है। फिलहाल वो टाटा संस की सबसे बड़ी शेयरधारक कंपनी शापूरजी पैलनजी के प्रबंध निदेशक हैं। सायरस 2006 से ही टाटा समूह से जुड़े हैं, मिस्त्री साल 2006 से ही टाटा संस के निदेशक समूह से जुड़े हैं।
 
 
[[रतन नवल टाटा]] का जन्म 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ<ref>{{Cite news|url=https://www.prabhatkhabar.com/tech-and-auto/ratan-tata-becomes-biggest-donor-by-donating-to-cornell-university-always-takes-care-of-poor-vwt|title=टाटा ग्रुप से कब जुड़े रतन टाटा|date=28 नवंबर 2023|work=प्रभात खबर|access-date=28 नवंबर 2023}}</ref>. उनके पिता का नाम नवल टाटा है. रतन टाटा जब 11 साल के हुए तो वर्ष 1948 में उनके माता-पिता एक-दूसरे से अलग हो गए. इसके बाद उनके पिता नवल टाटा ने सिमोन से शादी कर ली, जिससे उनके दो भाई जिमी और नोएल टाटा हुए. मां से अलग होने के बाद टाटा समूह के तत्कालीन प्रमुख होर्मुसजी टाटा ने रतन टाटा को गोद ले लिया और बाद में उनकी पत्नी नवाजबाई टाटा ने उनका लालन-पोषण किया.
 
'''रतन टाटा की पढ़ाई'''
 
रतन टाटा ने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई तत्कालीन बंबई और अब [[मुंबई]] के कैंपियन स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने इसी शहर के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, शिमला के [[बिशप कॉटन स्कूल, शिमला|बिशप कॉटन स्कूल]] से पढ़ाई की. स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद रतन टाटा न्यूयॉर्क चले गए और वहां पर उन्होंने रिवरडेल कंट्री स्कूल वर्ष 1955 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद रतन टाटा ने [[कॉर्नेल विश्वविद्यालय|कॉर्नेल यूनिवर्सिटी]] में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने 1959 में वास्तुकला में स्नातक की डिग्री हासिल की।
 
== पुरस्कार और मान्यता ==
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== सम्मान ==
''' रतन टाटा ''' को सन [[२०००]] में [[भारत सरकार]] ने [[उद्योग एवं व्यापार]] क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया था। ये [[गुजरात]] राज्य से हैं।
 
== सन्दर्भ ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
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* [https://web.archive.org/web/20071219215929/http://www.tata.com/ टाटा समूह]
* [https://web.archive.org/web/20061110235049/http://www.tata.com/0_about_us/management/ratan_tata01.htm टाटा वेबसाइट पर रतन टाटा की विवरणिका]
 
== सन्दर्भ ==
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