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[[चित्र:Detail of Édouard-Henri Avril (23).jpg|thumb|right|200px|मुखमैथुन का चित्र [[विकिमीडिया कॉमन्स]] से]]
'''मुखाभिगम''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]]: Oral Sex) भी मैथुन का एक तरीका है जिसे प्राय: [[सम्भोग]] से पूर्व योनांगों को [[मुख]], जीभ, [[ओष्ठ|होंठ]] के प्रयोग से उत्तेजित किया जाता है। इसे आम बोलचाल की भाषा में '''मुख[https://cdnwg.youx.xxx/galleries/content/3/078/3078143_3005b0e.jpg मैथुनमुखमैथुन]''' कहते हैं।<ref name="Carroll">{{cite book|author =Janell L. Carroll|title =Sexuality Now: Embracing Diversity|isbn = 978-0-495-60274-3|publisher=सेनगेज लर्निंग|year=2009|pages=265–267|access-date=August 29, 2013|url=https://books.google.com/books?id=5f8mQx7ULs4C&pg=PA265}}</ref><ref name="Weiten">{{cite book| author1 = Wayne Weiten|author2= Margaret A. Lloyd|author3= Dana S. Dunn|author4= Elizabeth Yost Hammer|title=Psychology Applied to Modern Life: Adjustment in the 21st century|isbn = 978-0-495-55339-7 |publisher=सेनगेज लर्निंग|year=2008|page=422|access-date=February 26, 2011|url=https://books.google.com/books?id=Y6QRJb40C84C&pg=PA422}}</ref> कामसूत्र का समाजशास्त्रीय अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि विभिन्न आचार्यों के मतानुसार औपरिष्टक कर्म अर्थात्नि मुखाभिगम निन्दित मैथुन है , इसे नहीं करना चाहिए । शास्त्र भी इस घृणित कर्म का निषेध करते हैं और यह जंगलीपन का परिचायक कहा गया है।<ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?redir_esc=y&id=aEwiAAAAMAAJ&focus=searchwithinvolume&q=+%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A7|title=Kāmasūtra kā samājaśāstrīya adhyayana|last=Śāstrī|first=Devadatta|publisher=Vividha Bhāratī Prakāśana|year=1982|pages=221|language=Hindi|quote=विभिन्न आचार्यों के मत –औपरिष्टक कर्म निन्दित मैथुन है , इसे नहीं करना चाहिए । शास्त्र भी इस घृणित कर्म का निषेध करते हैं...}}</ref>