"गिरमिटिया": अवतरणों में अंतर

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{{वार्ता शीर्षक}}सत्रहवीं सदी में आये अंगरेज़ों ने आम भारतीयों को एक-एक रोटी तक को मोहताज कर दिया। फिर उन्होंने गुलामी की शर्त पर लोगों को विदेश भेजना प्रारंभ किया। इन मज़दूरों को '''गिरमिटिया''' कहा गया। गिरमिट शब्द अंगरेजी के `एग्रीमेंट' शब्द का अपभ्रंश बताया जाता है। जिस कागज पर अंगूठे का निशान लगवाकर हर साल हज़ारों मज़दूर दक्षिण अफ्रीका या अन्य देशों को भेजे जाते थे, उसे मज़दूर और मालिक `गिरमिट' कहते थे। इस दस्तावेज के आधार पर मज़दूर गिरमिटिया कहलाते थे। हर साल १० से १५ हज़ार मज़दूर गिरमिटिया बनाकर [[फिजी]], [[ब्रिटिश गुयाना]], [[डच गुयाना]], [[ट्रिनीडाड]], [[टोबेगा]], [[नेटाल]] (दक्षिण अफ्रीका) आदि को ले जाये जाते थे। यह सब सरकारी नियम के अंतर्गत था। इस तरह का कारोबार करनेवालों को सरकारी संरक्षण प्राप्त था।
 
==इतिहास==
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*[http://indenturedindian.wordpress.com/ काला पानी] - गिरमिटियों को समर्पित एक अंग्रेजी ब्लाग
*[http://www.rbcradio.com/guiana1838.html GUIANA 1838 - a film about indentured labourers]
 
डॉ.गिरिराज किशोर का उपन्यास - पहला गिरमिटिया
http://www.abhivyakti-hindi.org/aaj_sirhane/2005/pahla_girmitiya.htm
 
[[श्रेणी:समाज]]
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[[no:Kontraktstjener]]
[[simple:Indentured servant]]
डॉ.गिरिराज किशोर का उपन्यास - पहला गिरमिटिया
http://www.abhivyakti-hindi.org/aaj_sirhane/2005/pahla_girmitiya.htm