"बिच्छू": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो r2.7.2+) (Robot: Adding kk:Сарышаяндар |
Dr.jagdish (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 2:
'''बिच्छू''' [[आर्थ्रोपोडा]] (Arthropoda) संघ का साँस लेनेवाला ऐरैक्निड (मकड़ी) है। इसकी अनेक जातियाँ हैं, जिनमें आपसी अंतर बहुत मामूली हैं। यहाँ बूथस (Buthus) वंश का विवरण दिया जा रहा है, जो लगभग सभी जातियों पर घटता है।
यह साधारणतः उष्ण प्रदेशों में पत्थर आदि के नीचे छिपे पाये जाते हैं और रात्रि में बाहर निकलते हैं। बिच्छू की लगभग २००० जातियाँ होती हैं जो [[न्यूजीलैंड]] तथा [[अंटार्कटिक]] को छोड़कर विश्व के सभी भागों में पाई जाती हैं। इसका शरीर लंबा चपटा और दो भागों
अधिकांश बिच्छू इंसान के लिए हानिकारक नहीं हैं। वैसे, बिच्छू का डंक बेहद पीड़ादायक होता है और इसके लिए इलाज की जरूरत पड़ती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बिच्छू के जहर में पाए जाने वाले रसायन [[क्लोरोटोक्सिन]] को अगर [[टयूमर]] वाली जगह पर लगाया जाए तो इससे स्वस्थ और [[कैंसर|कैंसरग्रस्त]] [[कोशिका|कोशिकाओं]] की पहचान आसानी से की जा सकती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि क्लोरोटोक्सिन कैंसरग्रस्त कोशिकाओं पर सकारात्मक असर डालता है। यह कई तरह के [[कैंसर]] के इलाज में कारगर साबित हो सकता है। उनका मानना है कि बिच्छू का जहर कैंसर का ऑपरेशन करने वाले सर्जनों के लिए मददगार साबित हो सकता है। उन्हें कैंसरग्रस्त और स्वस्थ कोशिकाओं की पहचान करने में आसानी होगी। <ref>{{cite web |url= http://samachar.boloji.com/200707/06236.htm|title=बिच्छू का जहर कैंसर के इलाज में काम आ सकता है|accessmonthday=[[१ जनवरी]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएम|publisher= हिन्दी नेस्ट|language=}}</ref>
|