"पद्मगुप्त": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
नया पृष्ठ: '''पद्मगुप्त''' 'नवसाहसांकचरित' नामक महाकाव्य के रचयिता। कीथ के अ... |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:05, 3 नवम्बर 2012 का अवतरण
पद्मगुप्त 'नवसाहसांकचरित' नामक महाकाव्य के रचयिता। कीथ के अनुसार इनका समय १००५ ई. के लगभग होना चाहिए।
नवसाहसांकचरित ऐतिहासिक काव्य है। इसमें काल्पनिक राजकुमारी शशिप्रभा के प्रणय की कथा स्पष्ट रूप से वर्णित है परंतु यह मालवा के राजा सिंधुराज नवसाहसांक के चरित का भी वर्णन श्लेष के द्वारा उपस्थित करता है। जैसा प्राय: संस्कृत इतिहास काव्यों में देखा जाता है- उनमें प्रामाणिक इतिहास कम, चरितनायक के चरित का अतिरंजित वर्णन अधिक होता है- वैसा ही इस काव्य में भी हुआ है। कवि का उपनाम 'परिमल' था। उद्गाता छंद के उपयोग में इनकी विशेष कुशलता प्राप्त थी।