"मैराथन": अवतरणों में अंतर
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शुरू में मैराथन की लंबई नत्थी नहीं की गई क्योंकि सभी धावक उसी रास्ते पर दौड़ें यही ज़्यादा ज़रूरी था। पहले के कुछ ओलंपिक खेलों में मैराथन दौड़ें किसी तय दूरी की नहीं होती थीं, पर लगभग {{convert|40|km|mi|sp=uk}},<ref name='Bryant'>जे ब्रायंट, 100 साल बाद भी दौड़ते हुए, ''मैराथन न्यूज़'' (2007)</ref> की थीं, जो कि मैराथन से एथेंस के बीच के लंबा सपाट रस्ते की लंबाई है। हर दौड़ की अपनी अपनी लंबाई होती थी।
मई 1921 में [[
यही मनमानी सी लगती दूरी [[लंदन]] के [[1908 ग्रीष्म ओलंपिक]] के मैराथन के लिए लागू हुई। [[हेग]] में [[अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति]] की मई 1907 की बैठक में [[बर्तानी ओलंपिक संघ]] के साथ यह सहमति हुई कि 1908 के ओलंपिक में कुछ 25 मील या 40 किलोमीटर की मैराथन दौड़ भी शामिल होगी।<ref name='BOC'>British Olympic Council Minutes</ref> नवंबर 1907 में इसी लंबाई के एक रास्ते का नक्शा अखबारों में छपा, जो कि [[विंडसर किला]] से शुरू हो के लंदन के [[शेपर्ड्स बुश]] में [[व्हाइट सिटी स्टेडियम]] में खत्म होती थी।<ref name='ISOH'>. Bob Wilcock, The 1908 Olympic Marathon, Journal of Olympic History, Volume 16 Issue 1, March 2008</ref>
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[[चित्र:Dorando Pietri.jpg|thumb| [[1908 के ग्रीष्म ओलंपिक - पुरुष मैराथन|1908 ओलंपिक मैराथन]]में [[डोरंडो पिएत्री]] लड़खड़ाते हुए अंत रेखा तक पहुँचते हुए
लेकिन 1908 के ओलंपिक मैराथन के रोमांचक अंत से दुनियाभर में मैराथन का बुखार फैल गया। एक अमरीकी दर्शक ने उस समय एक पोस्टकार्ड में यह लिखा कि उसने "अभी अभी पूरी सदी की सबसे महान दौड़ देखी है।"<ref name='Wilcock'>Bob Wilcock, "The 1908 Olympic Games, the Great Stadium and the Marathon, a Pictorial Record" (2008 ISBN 978-0-9558236-0-2){{Page needed|date=September 2010}}</ref> रानी सिकंदरिया समेंत विशाल भीड़, इस छोटे इतालवी [[डोरंडो पिएत्री]] को आखिरी {{convert|385|yd}} में कई बार गिरते, लुढ़कते पुढ़कते देखा, अंततः अधिकारियों द्वारा उठा के दौड़ के अंत तक पहुँचाया गया, और इस बीच [[आइरिश-अमरीकी]] [[जॉनी हेज़]] लगातार और नज़दीक आते गए। डोरंडो को अयोग्य करार दिया गयै और हेज़ को स्वर्ण पदक मिला। लेकिन रानी सिकंदरिया डोरंडो की अवस्था से इतनी विचलित हुईं कि अगले दिन उन्होंने उसे एक चांदी का का कप भेंट किया।
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