"मानव का पोषण नाल": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Digestive system diagram en.svg|right|thumb|300px|मानव का पाचक तंत्र]]
'''मानव का पाचक नाल''' या '''आहार नाल''' (Digestive or Alimentary Canal) 25 से 30 फुट लंबी नाल है जो [[मुँह]] से लेकर [[मलाशय]] या [[गुदा]] के अंत तक विस्तृत है। यह एक संतत लंबी नली है, जिसमें आहार मुँह में प्रविष्ट होने के पश्चात्‌ ग्रासनाल, आमाशय, ग्रहणी, क्षुद्रांत्र, बृहदांत्र, मलाशय और गुदा नामक अवयवों में होता हुआ गुदाद्वार से मल के रूप में बाहर निकल जाता है।
 
== कार्य ==
'''पोषण नाल''' या '''पाचक नाल''' (Alimentary canal) के तीन कार्य हैं :
 
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आहार पदार्थों के विशेष घटक [[प्रोटीन]], [[कार्बोहाइड्रेट]], [[वसा]], [[विटामिन]], [[खनिज लवण]] और [[जल]] हैं। सभी खाद्य पदार्थ इन्हीं घटकों से बने रहते हैं। किसी में कोई घटक अधिक होता है, कोई कम। हमारा शरीर भी इन्हीं अवयवों का बना हुआ है। शरीर का 2/3 भाग जल है। प्रोटीन शरीर की मुख्य वस्तु है, जिससे अंग बनते हैं। कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज़ के रूप में शरीर में रहता है, जिसकी मांसपेशियों को सदा आवश्यकता होती है। वसा की भी अत्यधिक मात्रा शरीर में एकत्र रहती है। विटामिन और लवणों की आवश्यकता शरीर की क्रियाओं के उचित संपादन के लिये होती हैं। हमारा शरीर ये सब वस्तुएँ आहार से ही प्राप्त करता है। हाँ, आहार से मिलनेवाले अवयवों का रासायनिक रूप शरीर के अवयवों के रूप से भिन्न होता है। अतएव आहार के अवयवों को शरीर पाचक रसों द्वारा उनके सूक्ष्म घटकों में विघटित कर देता है और उन घटकों का फिर से संश्लेषण करके अपने लिये उपयुक्त अवयवों को तैयार कर लेता है। यह काम अंगों की कोशिकाएँ करती हैं। जो घटक उपयोगी नहीं होते, उनको ये छोड़ देती हैं। शरीर ऐसे पदार्थों को [[मल]], [[मूत्र]], [[स्वेद]] (पसीना) और [[श्वसन|श्वास]] द्वारा बाहर निकाल देता है।
 
== परिचय ==
'''मुँह''' एक बड़ा कोटर (cavity) है, जिसके भीतर नीचे जिह्वा और ऊपर कठिन और कोमल तालु है तथा दोनों ओर कपोलों का प्रांतपृष्ठ है। जिह्वा पेशीनिर्मित स्वतंत्र अंग है, जो मुख कोटर में चारों ओर गति कर सकता है। इसके नीचे मुख का फर्श (ftoor) है। यह भी पेशियों का बना है। सामने तथा पार्श्व के अग्र भाग में, ऊपर और नीचे, 16-16 दाँत हैं, जिनके बीच में भोजन पीसा जाता है। इस कोटर में लाला ग्रंथियों (salivary glands) के जोडों से लाला रस (saliva) आकर, आहार के ग्रास में मिलकर उसके पाचन में सहायता देता है। तीन ग्रंथियाँ दाहिनी ओर हैं और तीन बाईं ओर, जिनके नाम ये हैं : कपोल ग्रंथि (parotid), अधोहन्वीय (submaxillary) और अधोजिह्वा (sublingual) ग्रंथियाँ। इनकी रसवाहिकाओं द्वारा ग्रंथियों में बना हुआ रस मुखकोटर (buccal cavity) में पहुँचता रहता है।
 
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इसके पश्चात्‌ गुदमार्ग (anal coual) 1 या 1 इंच लंबी नलिका है, जिसका बाहर का द्वार '''गुदद्वार''' (anal orifice) कहलाता है।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[पाचन]]
* [[भोजन]]
* [[जठरांत्ररोगविज्ञान]]
* [[मानव का पाचक तंत्र]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.pediatricfeeding.org/gi_anatomy.html Pediatric Overview of Human Digestive System]
* [http://www.innerbody.com/image/digeov.html Anatomy atlas of the Digestive System]
* [http://www.vivo.colostate.edu/hbooks/pathphys/digestion/ Overview] at [[Colorado State University]]
* [http://digestive.niddk.nih.gov/ddiseases/pubs/yrdd/ Your Digestive System and How It Works at National Institutes of Health]
 
[[श्रेणी:पाचक तंत्र]]