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'''हास्य''' 9 रसों में से एक रस है जिसका अर्थ सुखांतक अथवा कामदी होता है। रस का अर्थ एक भाव/आस्वाद से होता है और रस-सिद्धान्त में प्राचीन भारतीय कला जिसमें [[रंगमंच]], [[संगीत]], [[नृत्य]], [[काव्य]] और [[शिल्पकला]] भी शामिल है।
[[श्रेणी:भारतीय शास्त्रीय संगीत]]
[[श्रेणी:भारतीय कला]]
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