"उडुपी राजगोपालाचार्य अनंतमूर्ति": अवतरणों में अंतर
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* १९९४ ई. में ज्ञानपीठ पुरस्कार - भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा कन्नड़ साहित्य में योगदान और आम आदमी के लिए लिखने की उनकी नई सोच के लिए प्रदान किया गया।
* १९९८ में पद्म भूषण - भारत सरकार द्वारा दिया गया नागरिक सम्मान
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उनकी सोच समाजवादी और उदारवादी थी। उन्होंने आम लोगों को साहित्य में महत्व दिया। सामाजिक कूरितियों पर उन्होंने जमकर प्रहार किया।
== संदर्भ ==
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