"इब्न-बतूता": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Harîrî_Schefer_-_BNF_Ar5847_f.51.jpg|thumb|right|200px|मध्यकालीन मुसलमान अन्वेषी]]
'''इब्न बत्तूता''' [[अरब]] यात्री, विद्धान् तथा लेखक। उत्तर अफ्रीका के मोरक्को प्रदेश के प्रसिद्ध नगर तांजियर में १४ रजब, ७०३ हि. (२४ फरवरी, १३०४ ई.) को इसका जन्म हुआ था। इसक पूरा नाम था मुहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्न बत्तूता। इब्न बतूता मुसलमान यात्रियों में सबसे
== जीवनी ==
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'''भारत प्रवेश''' - भारत के उत्तर पश्चिम द्वार से प्रवेश करके वह सीधा दिल्ली पहुँचा, जहाँ तुगलक सुल्तान मुहम्मद ने उसका बड़ा आदर सत्कार किया और उसे राजधानी का काजी नियुक्त किया। इस पद पर पूरे सात बरस रहकर, जिसमें उसे सुल्तान को अत्यंत निकट से देखने का अवसर मिला, इब्न बत्तूता ने हर घटना को बड़े ध्यान से देखा सुना। १३४२ में मुहम्मद तुगलक ने उसे चीन के बादशाह के पास अपना राजदूत बनाकर भेजा, परंतु दिल्ली से प्रस्थान करने के थोड़े दिन बाद ही वह बड़ी विपत्ति में पड़ गया और बड़ी कठिनाई से अपनी जान बचाकर अनेक आपत्तियाँ सहता वह कालीकट पहुँचा। ऐसी परिस्थिति में सागर की राह चीन जाना व्यर्थ समझकर वह भूभार्ग से यात्रा करने निकल पड़ा और लंका, बंगाल आदि प्रदेशों में घूमता [[चीन]] जा पहुँचा। किंतु शायद वह मंगोल खान के दरबार तक नहीं गया। इसके बाद उसने पश्चिम एशिया, उत्तर अफ्रीका तथा स्पेन के मुस्लिम स्थानों क भ्रमण किया और अंत में टिंबकट् आदि होता वह १३५४ के आरंभ में मोरक्को की राजधानी "फेज" लौट गया।
'''वापस मोरक्को में''' - इब्न बतूता मुसलमान यात्रियों में सबसे
== यात्राएं ==
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