"जलसम्भर": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Hydrographic basin.svg|thumb|200px|right|जलसंभर का उदहारण - लाल रंग की लकीर जलविभाजक क्षेत्र को दर्शा रही है]]
'''जलसंभर''' या '''द्रोणी''' उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ [[वर्षा]] अथवा पिघलती [[बर्फ़]] का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है।<ref name=virginia>{{cite web |url= http://www.dcr.virginia.gov/soil_and_water/hu.shtml |title= Hydrologic Unit Geography |publisher= Virginia Department of Conservation & Recreation |accessdate= 21 Novemberनवम्बर 2010}}</ref> उस स्थान से या तो एक ही बड़ी नदी में पानी जलसंभर क्षेत्र से निकास कर के आगे बह जाता है, या फिर किसी सरोवर, सागर, महासागर या दलदली इलाक़े में जा के मिल जाता है। इस सन्दर्भ में कभी-कभी '''जलविभाजक''' शब्द का भी प्रयोग होता है क्योंकि भिन्न-भिन्न जलसंभर किसी भी विस्तृत क्षेत्र को अलग-अलग जल मंडलों में विभाजित करते हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.uwsp.edu/geo/faculty/ritter/glossary/a_d/drainage_basin.html|title=drainage basin|publisher=www.uwsp.edu|accessdate=2008-02-21|last=|first=}}
</ref> जलसंभर खुले या बंद हो सकते हैं। बंद जलसंभारों में पानी किसी सरोवर या सूखे सरोवर में जा कर रुक जाता है। जो '''[[बंद जलसंभर]]''' शुष्क स्थानों पर होते हैं उनमें अक्सर जल आ कर गर्मी से भाप बनकर हवा में वाष्पित (इवैपोरेट) हो जाता है या उसे धरती सोख लेती है। पड़ौसी जलसंभर अक्सर पहाड़ों, पर्वतों या धरती की भिन्न ढलानों के कारण एक-दुसरे से विभाजित होते हैं। भौगोलिक दृष्टि से जलसंभर एक [[कीप]] (यानि फनल) का काम करते हैं क्योंकि वे एक विस्तृत क्षेत्र के पानी को इक्कठा कर के एक ही नदी, जलाशय, दलदल या धरती के भीतर पानी सोखने वाले स्थान पर ले जाते हैं।