"हाइड्रोजनन": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो Reverted 1 edit by 1.39.15.30 (talk) identified as vandalism to last revision by Sanjeev bot. (TW) |
|||
पंक्ति 6:
== परिचय एवं इतिहास ==
नवजात अवस्था में हाइड्रोजन कुछ सहज अपचेय यौगिकों के साथ सक्रिय है। इस भाँति [[कीटोन]] से द्वितीयक ऐल्कोहॉल तथा नाइट्रो यौगिकों से ऐमीन सुगमता से प्राप्त हो जाते हैं। आजकल यह मान लिया गया है कि कार्बनिक पदार्थों का उत्प्रेरक के प्रभाव से हाइड्रोजन का प्रत्यक्ष संयोजन भी हाइड्रोजनीकरण है। ऐतिहासिक दृष्टि से उत्प्रेरकीय हाइड्रोजनीकरण से हाइड्रोजन (H<sub>2</sub>) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (HCN) के मिश्रण को प्लैटिनम कालिख पर प्रवाहित कर मेथिलऐमिन सर्वप्रथम प्राप्त किया गया था। पाल सैवैटिये (1854-1941) तथा इनके सहयोगियों के अनुसंधानों से वाष्प अवस्था में हाइड्रोजनीकरण विधि में विशेष प्रगति हुई। सन् 1905 ई. में द्रव अवस्था हाइड्रोजनीकरण सूक्ष्म कणिक धातुओं के उत्प्रेरक उपयोगों के अनुसंधान आरंभ हुए और उसमें विशेष
हाइड्रोजनीकरण में एथिल ऐल्कोहॉल, ऐसीटिक अम्ल, एथिल ऐसीटेड, संतृप्त हाइड्रोकार्बन जैसे हाइड्रोकार्बनों में नार्मल हेक्सेन (n-hexane), डेकालिन और साइक्लोहेक्सेन विलयाकों का प्रयोग अधिकता से होता है।
|