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== जनश्रुतियाँ ==
[[चित्र:Rohin amarnath1.jpg|thumb|250px|right|अमरनाथ गुफा में बर्फ से बना प्रकृतिक शिवलिंग]] [[चित्र:Sheshnagjheel.jpg|thumb|250px|right|शेषनाग झील]] [[चित्र:Lord Amarnath.jpg|thumb|250px|right|अमरनाथ गुफा में बर्फ से बना प्रकृतिक शिवलिंग]]
जनश्रुति प्रचलित है कि इसी गुफा में माता [[पार्वती]] को भगवान शिव ने अमरकथा सुनाई थी, जिसे सुनकर सद्योजात [[शुक-शिशु]] [[शुकदेव]] ऋषि के रूप में अमर हो गये थे। गुफा में आज भी श्रद्धालुओं को कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई दे जाता है, जिन्हें श्रद्धालु अमर पक्षी बताते हैं। वे भी अमरकथा सुनकर अमर हुए हैं। ऐसी मान्यता भी है कि जिन श्रद्धालुओं को कबूतरों को जोड़ा दिखाई देता है, उन्हें शिव पार्वती अपने प्रत्यक्ष दर्शनों से निहाल करके उस प्राणी को मुक्ति प्रदान करते हैं। यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने अद्र्धागिनी पार्वती को इस गुफा में एक ऐसी कथा सुनाई थी, जिसमें अमरनाथ की यात्रा और उसके मार्ग में आने वाले अनेक स्थलों का वर्णन था। यह कथा कालांतर में अमरकथा नाम से विख्यात हुई।