"भू-संतुलन": अवतरणों में अंतर
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अल्प विस्तार और उपखण्ड निर्माण |
उपखण्ड |
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पृथ्वी का [[स्थलमण्डल]] अपने नीचे स्थित [[एस्थेनोस्फियर]] पर एक प्रकार से तैरता हुआ स्थित है और संतुलन के लिए यह आवश्यक माना जाता है कि जहाँ धरातल पर ऊँचे पर्वत या पठार हैं वहाँ स्थलमण्डल की मोटाई अधिक है और इसका निचला हिस्सा पर्वतों की जड़ों की तरह एस्थेनोस्फियर में अधिक गहराई तक घुस हुआ है। पर्वतों के नीचे स्थलमण्डल के इस नीचे एस्थेनोस्फियर में प्रविष्ट भाग अथवा समुद्रों के नीचे कम गहराई तक घुसे भाग के संतुलन की व्यख्या करने वाले तीन मॉडल प्रस्तुत किये गए हैं।
आइसोस्टैसी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम क्लैरेंस डटन ने 1889 में किया था।
==इतिहास==
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==एयरी की व्यख्या==
==प्राट की व्याख्या==
==हैफोर्ड और बोवी के विचार==
==प्लेट विवार्तानिकी और भूसंतुलन==
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
[[श्रेणी:भू-आकृति विज्ञान]]
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