"गीत": अवतरणों में अंतर
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महाराष्ट्र में कीर्तनगान द्वारा कथा कही जाती है और भजन गाए जाते हैं। भक्तों के पद, जो त्रिताल, दादरा, कहरवा इत्यादि सरल ताली में बँधे होते हैं, भजन कहलाते है। कर्णाटक शैली में पद्म गीत बिलंबित लय में बँधा होता है। इसमें श्रृंगार रस प्रधान होता है। यह प्राय: नृत्य के साथ गाया जाता है। जावड़ि गीत भी कर्णाटक में ही प्रचलित है। इसमें भी श्रृंगार रस ही प्रधान होता है, किंतु इसकी लय पद्म की लय की अपेक्षा द्रुत और चंचल होती है।
==यह भी देखें==
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== संदर्भ ग्रन्थ ==
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