"शैवाल": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन |
छो Reverted 1 edit by 117.220.44.48 (talk) identified as vandalism to last revision by अनुनाद सिंह. (TW) |
||
पंक्ति 76:
शैवाल मछलियों का आहार है। जल में रहनेवाले अन्य जीव जंतुओं के लिए भी शैवाल पोषक पदार्थ है। पशुओं के चारे के रूप में भी इसका उपयोग हो सकता है। बढ़ती हुई आबादी के आतंक से छुटकारा पाने तथा खाद्य समस्या को हल करने के लिए, शैवाल पर त्व्रीा गति से प्रयोग जारी हैं। यह कहा जाता है कि अन्नसंकट को दूर करने में क्लोरेला (Chlorella) नामक शैवाल बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो सकता है। यह शैवाल पौष्टिक पदार्थों से परिपूर्ण है। यह फैलने के लिए अधिक स्थान भी नहीं लेता। जितनी जमीन आज हमें प्राप्त है, उसके १/५ हिस्से में ही क्लोरेला के उपजाने से २०५० ई. में अनुमानित ७० अरब जनसंख्या के लिए भोजन, विद्युत् और जलावन प्राप्त हो सकता है। कानेंगी इंस्टिट्यूट, (संयुक्त राज्य, अमरीका,) के वैज्ञानिकों ने एक प्रायोगिक कारखाना बहुत बड़े पैमाने पर क्लोरेला उत्पादन के हेतु खोला है। अब तक के उत्पादन से यह अनुमान किया गया है कि प्रति एकड़ जमीन से ४० टन क्लोरेला सुगमतापूर्वक उगाया जा सकता है। इन वैज्ञानिकों का विश्वास है कि यह मात्रा १५० टन तक पहुँच सकती है।
[[वेनिजुएला]] में [[कुष्ठरोग]] की चिकित्सा में शैवाल लाभप्रद सिद्ध हुआ है। शैवाल से
क्लोरेला से हम पर्याप्त परिमाण में ऑक्सीजन प्राप्त कर सकते हैं। वैज्ञानिक यह खोज कर रहे हैं कि ऑक्सीजन को कैसे कृत्रिम उपायों द्वारा शैवाल से निकालकर औद्योगिक कार्यों में प्रयुक्त किया जाए।
|