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अनुवाद
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{{infobox royalty
| name = Umarउमर ibnइब्न Alअल-Khattabखत्ताब
| title = Distinguisher between truth and false (''Al-Faruq''); Commander of the faithful (''Amir al-Mu'minin'')<ref>ibn Sa'ad, 3/ 281</ref>
| succession = [[Caliphराशिदून खलीफ़ा]] ofमें theसे [[Rashidunएक Caliphate]]खलीफ़ा
| predecessor = [[Abuअबू Bakrबकर]]
| successor = [[Uthmanउसमान ibnबिन Affanअफ़्फ़ान]]
| reign = 23&nbsp;August 634&nbsp;CE – 3&nbsp;November 644&nbsp;CE
| image = Rashidun Caliphs Umar ibn Al-Khattāb - عُمر بن الخطّاب ثاني الخلفاء الراشدين.svg
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'''हजरत उमर इब्न अल-ख़त्ताब''' (अरबी में عمر بن الخطّاب), ई. (586–590 – 644) [[मुहम्मद]] साहब के प्रमुख चार [[सहाबा]] (साथियों) में से थे। वह [[अबु बकर|हज़रत अबु बक्र]] के बाद मुसलमानों के दूसरे खलीफा चुने गये। मुहम्मद साहब ने फारूक नाम की उपाधि दी थी। जिसका अर्थ सत्य और असत्य में फर्क करने वाला। मुहम्मद साहब के अनुयाईयों में इनका रुतबा हज़रत अबू बक्र के बाद आता है। उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में दूसरे ख़लीफा चुने गए। उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में सबसे सफल ख़लीफा साबित हुए। मुसलमान इनको फारूक-ए-आज़म तथा अमीरुल मुमिनीन भी कहते हैं। युरोपीय लेखकों ने इनके बारे में कई किताबें लिखी हैं तथा उमर महान (Umar The Great) की उपाधी दी है। प्रसिद्ध लेखक माइकल एच. हार्ट ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक दि हन्ड्रेड ''[[:en:The 100|The 100: A Ranking of the Most Influential Persons in History]]'', (सौ दुनिया के सबसे प्रभावित करने वाले लोग) में हज़रत उमर को शामिल किया है।
 
== प्रारंभिक जीवन ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/उमर" से प्राप्त