"स्वाती (नक्षत्र)": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Bootes_constellation_map.png|300px|right|thumb|स्वाती]]
स्वाति नक्षत्र आकाश मंडल में 15वाँ नक्षत्र होकर इसका स्वामी राहु यानीयानि अधंकार है। कहावत भी है कि जब स्वाति नक्षत्र में ओंस की बूँद सीप पर गिरती है तो मोती बनता है। दरअसल मोती नहीं बनता बल्कि ऐसा जातक मोती के समान चमकता है।
 
राहु कोई ग्रह नहीं है न ही इसका आकाश में स्थान है। यह पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव है। स्वाति नक्षत्र की राशियाँ उत्तरी धु्रवध्रुव पर पड़ने के कारण है। ऐसे जातक परिश्रमी होते हैं। ये स्वप्रयत्नों में अपनी नीव रखते हैं और सफलता पाते हैं। यह तुला राशि में आता है। रू रे रो रा नाम से इसकी पहचान होती है। इस नक्षत्र स्वामी की दशा 18 वर्ष की चंद्र के अंशों के अनुसार होती है।
== देखिये ==
* [[नक्षत्र|नक्षत्र सूची]]