"हकीकत राय": अवतरणों में अंतर
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== परिचय ==
▲एक दिन बालक हकीकत राय के साथ कुछ मुस्लिम बालकों ने झगडा किया और उसे चिढाने के लिए हिंदू देवी देवताओ को गाली देने लगे। उस सहनशील बालक ने कहा अगर यह सब मैं बीबी फातिमा के लिए कहू तो तुम्हे कैसा लगेगा। इतना सुन कर हल्ला मच गया कि हकीकत ने गाली दी। बात बढ़ी, काजी तक पहुची फ़ैसला सुनाया गया। इस्लाम स्वीकार कर लो या मरो। उस बालक ने कहा मैंने कुछ गलत नही कहा मैं इस्लाम नही स्वीकार करूँगा। लाहौर के नवाब ने भी इसी निर्णय की पुष्टि की। सन १९३४ में [[वसंत पंचमी]] के दिन ही उस वीर हकीक़त राय का तलवार से सर काटकर उसकी हत्या का दी गई। वह शहीद हो गया। वीर हकीकत ने बलिदान कर दिया लेकिन धर्म से नही डिगा।
[[वसंत पंचमी]] के दिन ही उस वीर हकीक़त राय को कत्ल कर दिया गया। वह शहीद हो गया। उसने बलिदान कर दिया लेकिन धर्म से डिगा नही।
[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]
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