"अहल अल-हदीस": अवतरणों में अंतर
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== शाखाएं ==
अहले हदीस का तरीक़ा अस्ल में एक फ़िक्ही और इज्तिहादी तरीक़ा था। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो [[अहले सुन्नत वल जमात]] के धर्म की समझ रखने वाले अपने तौर तरीक़े की वजह से दो गीरोह में बटे हैं।
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इसकी एक
=== दूसरी शाखा ===
यह लोग “अस्हाबे रई ” के नाम से मश्हूर हैं इस गुरूप के संस्थापक अबू हनीफा (देहान्त 150 हिजरी) हैं।
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