"वर्णात्मक नीतिशास्त्र": अवतरणों में अंतर
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{{काम जारी|date=अक्टूबर 2016}}
'''वर्णात्मक नीतिशास्त्र''' ({{lang-en|descriptive ethics}}), जिसे '''तुलनात्मक नीतिशास्त्र''' ({{lang-en|comparative ethics}}) भी कहा जाता हैं, [[नैतिकता]] के बारे में लोगो की आस्थाओं का अध्ययन हैं।<ref name="M.PhilPhD2011">{{cite book|author1=Vincent Icheku|author2=Vincent Icheku|title=Understanding Ethics and Ethical Decision-Making|date=31 August 2011|publisher=Xlibris Corporation|isbn=978-1-4653-5131-9}}</ref>{{rp|26}} वर्णात्मक नीतिशास्त्र निर्देशात्मक या [[
*वर्णात्मक नीतिशास्त्र : लोग किसे सही सोचते हैं?
*मेटा-नीतिशास्त्र : "सही" का अर्थ ही क्या हैं?
*
*अनुप्रयुक्त नीतिशास्त्र : हम नैतिक ज्ञान को लेकर व्यवहार में कैसे डालें?
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वर्णात्मक नीतिशास्त्र के भीतर संशोधन, लोगों के नैतिक आदर्शों की अथवा समाज किन कार्यों को [[विधि]] या [[राजनीति]] में पुरुस्कृत या दण्डित करते हैं, इनकी भी जाँच कर सकता हैं। उल्लेखनीय यह हैं कि संस्कृति पीढ़ीगत होती हैं, न की स्थैतिक। अतः, एक नई पीढ़ी अपनी नैतिकताओं का समुच्चय लेकर आएगी और वह नीतिशास्त्र बन जाएगा। अतः वर्णात्मक नीतिशास्त्र इस बात का पर्यवेक्षण करेगा कि नीतिशास्त्र अभी तक अपने स्थान पर हैं या नहीं।
[[मूल्य सिद्धांत]] या तो
==लॉरेन्स कोह्लबर्ग - वर्णात्मक नीतिशास्त्र का एक उदाहरण ==
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