"भौतिकवाद": अवतरणों में अंतर

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{{about||भौतिक वस्तुओं को जमा करने की इच्छा|आर्थिक भौतिकवाद|मार्क्सवादी और अन्य अर्थ}}
'''भौतिकवाद''' [[एकत्ववाद|दार्शनिक एकत्ववाद]] का एक रूप हैं, जिसका यह मत है कि [[प्रकृति]] में [[पदार्थ]] ही मूल [[द्रव्य सिद्धान्त|द्रव्य]] है, और साथ ही, सभी दृग्विषय, जिस में [[मन|मानसिक दृग्विषय]] और [[चेतना]] भी शामिल हैं, भौतिक परस्पर संक्रिया के परिणाम हैं।
'''भौतिकवाद''' (materialism) के दर्शन के मत है कि केवल [[पदार्थ]] के [[अस्तित्व]] को ही [[सिद्ध]] किया जा सकता है। मूल रूप से विचार करने पर सभी चीजें ''पदार्थों'' से बनी हैं और सभी घटनाएं (फेनामेना) पदार्थों के परस्पर संक्रिया (इन्टरैक्शन) के रूप में व्यक्त की जा सकती हैं और समझी जा सक्ती हैं। यहाँ तक कि [[चेतना]] भी इसी रूप में समझी और व्यक्त की जा सकती है। अतः पदार्थ की एकमात्र ''तत्व'' (सबस्टैन्स) है।
 
== इन्हें भी देखें ==