"उर्मिला सिंह": अवतरणों में अंतर

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उर्मिला ने अपने पति की चुनावी सीट [[घौनसोर]] से ही चुनाव लड़ना शुरू किया। वे 1983 से 2003 तक लगातार चुनाव जीतकर [[मध्य प्रदेश]] विधानसभा की सदस्‍य बनीं। इससे पहले उन्‍होंने 1996 में [[भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]] की सदस्‍यता ग्रहण की थी। 1993 की राज्‍य सरकार में फाइनेंस एंड डेयरी डेवलॉपमेंट मंत्री बनीं। 1996 में इन्‍हें मध्‍यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया।
 
1998 में राज्‍य में कांग्रेस की सरकार में उर्मिला सोशल वेलफेयर एंड ट्राइबल वेलफेयर विभाग की मंत्री बनीं। 2001 में [[मध्य प्रदेश]] के बंटवारे के बाद वे [[छत्तीसगढ़]] चली गईं और उनका संसदीय क्षेत्र व विधानसभा सीट भी नए राज्‍य में चली गई। इसके बाद उर्मिला [[छत्तीसगढ़]] राज्‍य की पहली विधानसभा की सदस्‍य बनीं।<ref>{{cite news|url=http://www.indianexpress.com/news/urmila-singh-takes-over-as-himachal-governor/571738/|title=Urmila Singh takes over as Himachal Governor|date=26 जनवरी 2010|publisher=The Indianइंडियन Expressएक्सप्रेस|accessdate=19 अक्टूबर 2013}}</ref>
 
2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी [[मध्य प्रदेश]] और [[छत्तीसगढ़]] में बुरी तरह हारी जिसमें उर्मिला की हार भी शामिल थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उर्मिला हार गईं। उर्मिला इसके बाद [[मध्य प्रदेश]] तथा [[चण्डीगढ़]] राज्‍य के कई विश्‍वविद्यालयों की कुलपति बनीं।