"समुद्र मन्थन": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) छो गैर मुक्त चित्र हटाया |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 27:
एक प्रचलित श्लोक के अनुसार चौदह रत्न निम्नवत हैं:
::लक्ष्मीः कौस्तुभपारिजातकसुराधन्वन्तरिश्चन्द्रमाः। ::
::गावः कामदुहा सुरेश्वरगजो रम्भादिदेवाङ्गनाः। ::
::अश्वः सप्तमुखो विषं हरिधनुः शङ्खोमृतं चाम्बुधेः।::
|