"भारतीय थलसेना": अवतरणों में अंतर

ज्ञानसन्दूक अद्यतन
भूमिका को अद्यतन किया
पंक्ति 1:
{{सुधालेख}}
{{अनुवाद}}
{{Infobox military unit/sandbox
|unit_name = भारतीय सेना
|native_name = Indian Army
पंक्ति 35:
|aircraft_transport=[[एचएएल ध्रुव]], [[ऐरोस्पैटियल अलौटे III|एचएएल चेतल]], [[ऐरोस्पैटियल एसए 315बी लामा|एचएएल चीता और चीतल]]
}}
'''भारतीय सेना''' [[थलसेना]] है जो [[भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ|भारतीय सशस्‍त्र सेनाओं]] का सबसे बड़ा घटक है। भारतीय सेना का [[प्रधान सेनापति]] [[भारत का राष्ट्रपति]] होता है<ref>{{cite web|url=http://presidentofindia.nic.in/about.htm|title=About – The President of India |trans_title=भारत के राष्ट्रपति – के बारे में |publisher=|accessdate=१९ फ़रवरी २०१७ |language=अंग्रेज़ी}}</ref> और इसकी कमान चार-सितारा [[जनरल]] भारतीय थलसेनाध्यक्ष के पास होती है। दो अधिकारियों को पांच-सितारा रैंक के साथ [[फील्ड मार्शल (भारत)|फील्ड मार्शल]] की रैंक से सम्मानित किया जाता है श्रेष्ठ सम्मान की औपचारिक स्थिति है। भारतीय सेना का उद्भव [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] जो [[ब्रिटिश भारतीय सेना]] के रूप में परिवर्तित हुई थी और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ जो [[भारत की स्वतंत्रता|स्वतंत्रता]] के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की ईकाइयों और पलटनों का विविध इतिहास रहा है जिसने भारत की स्वतंत्रता से पूर्व एवं पश्चात् विश्व के विभिन्न युद्धों और अभियानों में भाग लेकर [[भारतीय सेना के युद्ध और थियेटर सम्मान|युद्ध एवं थियेटर सम्मान]] प्राप्त किये हैं।<ref name="Sarbans">{{cite book |title=Battle Honours of the Indian Army 1757–1971 |trans_title= भारतीय सेना के युद्ध सम्मान १७५७–१९७१ |last=सिंह |first=सरबंस |year=१९९३ |publisher=विजन बुक्स |location=नई दिल्ली |isbn=8170941156 |language=अंग्रेज़ी}}</ref>
 
:''यह लेख आधुनिक भारतीय सेना से सम्बन्धित है। [[भारत की स्वतन्त्रता]] से पहले के सैन्य इतिहास के लिए, जिसमें ब्रिटिश-भारतीय सैन्य इतिहास सम्मिलित है, देखें [[ब्रिटिश-भारतीय सैन्य इतिहास]]। ''
 
'''भारतीय थलसेना''' भारतीय सशस्त्र सेनाओं की थल इकाई है, इसपर भूमि पर संचालित होने वाले सैन्य कार्यक्रमों का उत्तरदायित्व है| इसके प्राथमिक उद्देश्य भारतीय सीमाओं की बाहरी शक्तियों के आक्रमण से रक्षा करना, देश के अन्दर शान्ति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना, सीमाओं की निगरानी एवं आतंक विरोधी कार्यक्रमों का सञ्चालन करना हैं| आपदा, अशांति और उपद्रव की स्थितियों में भारतीय थलसेना बचाव एवं मानवीय सहायता पहुँचाने में प्रशासन का सहयोग भी करती है| थलसेना का नियंत्रण एवं सञ्चालन का कार्य [[भारतीय रक्षा मंत्रालय]] के अंतर्गत है|
 
ग्यारह लाख तीस हज़ार सक्रिय सैनिकों एवं बारह लाख आरक्षित सैन्य कर्मियों की सेवाएं ग्रहण करने वाली भारतीय थल सेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है| यह पूर्णतः स्वैच्छिक सेवा है। यद्यपि भारत के संविधान में अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान भी है, पर इसे आज तक लागू नहीं किया गया|
 
भारतीय थलसेना की स्थापना सन् १९४७ में भारत को स्वतंत्रता मिलने के तुंरत बाद हुई थी| [[ब्रिटिश राज]] के समय की अधिकतर रेजीमेंटों को यथावत रहने दिया गया| [[संयुक्त राष्ट्र]] की शान्ति सेनाओं के सदस्य के तौर पर भारतीय थलसेना ने विश्व के अधिकतर युद्ध एवं संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है| इसे देश की भौगोलिक विभिन्नताओं के चलते अलग- अलग भौगोलिक क्षेत्रों में युद्ध का बहुमूल्य अनुभव है| जनरल बिपिन रावत थलसेना के वर्तमान प्रमुख हैं| भारतीय थलसेना में [[फील्ड मार्शल]] का पद उच्चतम माना जाता है| यह एक मानद पद है जो की केन्द्र सरकार की अनुशंसा पर [[राष्ट्रपति]] द्वारा प्रदान किया जाता है, परन्तु केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही इसकी अनुशंसा की जाती है। भारतीय सेना के छः दशकों के इतिहास में मात्र दो अधिकारियों को ही फील्ड मार्शल का पद सौंपा गया है|
 
[[चित्र:In Army.gif|250px|right]]
[[चित्र:India.Military.02.jpg|240px|thumb|right|२००४ के गणतंत्र दिवस परेड में मद्रास रेजिमेंट के जवान]]
 
== उद्देश्य ==